रायपुर, 12 अक्टूबर 2025। आंध्र ब्राह्मण समाज, रायपुर (छत्तीसगढ़) द्वारा समाज की सांस्कृतिक एकता और पारिवारिक परंपराओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित राष्ट्रीय तेलुगु ब्राह्मण युवक–युवती परिचय वेदिका का भव्य एवं सफल आयोजन मारुति मंगलम भवन, गुढियारी, रायपुर में संपन्न हुआ।
यह ऐतिहासिक सम्मेलन विवाह योग्य तेलुगु ब्राह्मण युवक–युवतियों एवं उनके अभिभावकों के लिए एक साझा संवाद मंच सिद्ध हुआ, जहाँ देश के विभिन्न राज्यों से आए परिवारों ने अत्यंत उत्साह और आत्मीयता के साथ सहभागिता की।
✨ कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
आयोजन का शुभारंभ प्रातः 8:30 बजे नाश्ते के साथ हुआ।
10×20 ft के आधुनिक LED डिस्प्ले पर सभी पंजीकृत प्रोफाइल्स का परिचय पारदर्शी ढंग से प्रस्तुत किया गया, जिसकी सभी उपस्थितों ने सराहना की।
कुंडली मिलान हेतु समाज की ओर से पंडित की विशेष व्यवस्था की गई।
अभिभावकों की सुविधा के लिए वन-टू-वन मीटिंग हॉल का अलग प्रावधान रखा गया, जहाँ संभावित रिश्तों पर व्यक्तिगत चर्चा हुई।
1:30 से 2:30 बजे तक स्नेहभोज का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम का समापन सायं 5:00 बजे सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुआ।
🌼 उत्साहपूर्ण सहभागिता एवं सराहना
इस परिचय सम्मेलन में छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना राज्यों से बड़ी संख्या में युवक–युवतियों के अभिभावक उपस्थित हुए।
अब तक लगभग 250 युवक–युवतियों ने इस मंच के माध्यम से पंजीकरण कराया है, जो समाज में इस पहल की बढ़ती लोकप्रियता और विश्वास को दर्शाता है।
कार्यक्रम की सुव्यवस्थित व्यवस्थाओं, अतिथियों के लिए आतिथ्य एवं आवास प्रबंधन की बाहर से आए अभिभावकों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की।
🌸 समाज की एकता और परंपरा का प्रतीक आयोजन 🌸
आंध्र ब्राह्मण समाज, रायपुर की यह अनूठी पहल समाज के युवाओं को संस्कारित एवं उपयुक्त जीवनसाथी चयन हेतु एक सशक्त मंच प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध हुई है।
यह आयोजन केवल विवाह परिचय का अवसर नहीं, बल्कि समाज की एकता, संस्कृति और परंपरा के पुनर्संवर्धन का प्रेरक प्रतीक रहा।
सभी उपस्थित परिवारों ने इस प्रयास की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए इसे नियमित रूप से आयोजित करने का आग्रह किया।
💬 समाज के अध्यक्ष का वक्तव्य
इस अवसर पर आंध्र ब्राह्मण समाज रायपुर के अध्यक्ष श्री आर. मुरली ने कहा कि –
> “यह हमारे प्रदेश में परिचय सम्मेलन का चौथा सफल आयोजन था। इस वर्ष लोगों का जो उत्साह और सहभागिता देखने को मिली, उसे देखते हुए समाज ने निर्णय लिया है कि इस सम्मेलन को प्रतिवर्ष आयोजित किया जाएगा।
साथ ही, समाज के अपने भवन हेतु भूमि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए शासन को पत्र लिखकर भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है।”

