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UP चुनाव: प्रियंका के सिपहसालार अखिलेश की साइकिल पर सवार, कांग्रेस की नैया कैसे होगी पार?

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में अपने जिन मजबूत सिपहसालारों के सहारे 2022 की चुनावी बिसात बिछाने में जुटी थीं. वो टीम ताश के पत्ते की तरह बिखरती जा रही है. सूबे में कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रियंका गांधी के ‘हाथ’ को पकड़कर आगे बढ़ने की बजाय छोड़कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की साइकिल पर सवार होते जा रहे हैं. चुनाव से ऐन पहले एक के बाद एक बड़े नेता कांग्रेस छोड़ते जा रहे हैं, जिसके चलते प्रियंका गांधी के लिए यूपी की चुनावी राह और भी मुश्किल होती जा रही है.

हरेंद्र मलिक-पंकज मलिक ने कांग्रेस छोड़ा

पश्चिमी यूपी में कांग्रेस के दिग्गज नेता और जाट समुदाय का चेहरा माने जाने वाले पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पूर्व विधायक पंकज मलिक ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. हरेंद्र मलिक यूपी में प्रियंका गांधी की सलाहकार कमेटी में शामिल थे तो पंकज मलिक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष थे और पश्चिम यूपी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. लेकिन, अब दोनों ही नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है. माना जा रहा है कि 22 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर में अखिलेश यादव की रैली में वे सपा का दामन थामेंगे.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस तीन दशक से सत्ता का वनवास काट रही है. ऐसे में प्रियंका गांधी कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई थीं. 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद जब 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को करारी हार मिली तो प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने खुद समीक्षा की थी. उन्होंने माना कि संगठन की कमजोरी की वजह से ही कांग्रेस यहां खड़ी नहीं हो पा रही.

प्रियंका के सक्रियता से भी जीत की उम्मीद नहीं

सूबे में प्रियंका गांधी संगठन की मजबूती के मिशन में जुटीं और प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर और ब्लॉक तक अपनी मर्जी के मुताबिक पदाधिकारी बनाए. प्रियंका गांधी ने लगातार योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोल रखा है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक संघर्ष कर रही हैं. इसके बावजूद कांग्रेस नेताओं को 2022 के चुनाव में अपनी जीत का विश्वास नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते अब वे प्रियंका का हाथ झटककर साइकिल की सवारी कर रहे हैं.

यूपी में दो महीने पहले करीब 50 कांग्रेसी दिग्गज नेताओं को प्रियंका गांधी ने खुद फोन करके चुनाव लड़ने की हरी झंडी दी थी, उनसे कहा था कि आप चुनाव तैयारी में जुटे और आपका टिकट कन्फर्म है. प्रियंका गांधी की इस लिस्ट में पंकज मलिक भी शामिल थे, जिन्होंने aajtak.in से यह बात स्वीकार की थी. लेकिन, अब चुनाव से पहले कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है. ऐसे ही प्रियंका गांधी के करीबी रहे ललितेशपति त्रिपाठी को भी चुनाव लड़ने की हरी झंडी मिल चुकी थी, जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस को अलविदा कह दिया है.

कांग्रेस के दिग्गज हाथ छोड़कर साइकिल पर सवार

प्रियंका गांधी बुंदेलखंड में जिन कांग्रेस नेताओं के दम पर पार्टी को मजबूत करने के लिए मशक्कत कर रही थीं, वो सभी नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है. पूर्व विधायक व प्रियंका की सलाहकार समिति के सदस्य विनोद चतुर्वेदी, पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी, महोबा के पुराने कांग्रेसी खानदान के मनोज तिवारी सपा में शामिल हो गए. कांग्रेस ने इन तीनों ही नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी की थी. ऐसे ही कानपुर देहात में कांग्रेस के मजबूत चेहरा माने जाने वाले पूर्व सांसद राजााम पाल भी पार्टी छोड़कर साइकिल पर सवार हो गए हैं.

कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जितिन प्रसाद (अब योगी सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री), जिन्होंने बीजेपी का दामन थामा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री व बदायू से पूर्व सांसद सलीम शेरवानी, उन्नाव की पूर्व सांसद अन्नू टंडन, मिर्जापुर के पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल, सीतापुर की पूर्व सांसद कैसर जहां, अलीगढ़ के पूर्व सांसद विजेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री चौधरी लियाकत, पूर्व विधायक राम सिंह पटेल, पूर्व विधायक जासमीन अंसारी, अंकित परिहार और सोनभद्र के रमेश राही जैसे नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है.

इसके अलावा आरके चौधरी भी कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो चुके हैं. पूर्व सांसद डॉ. संजय सिंह तो लोकसभा चुनाव के बाद ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. रायबरेली से विधायक अदिति सिंह, विधायक राकेश सिंह भी बागी रुख अपनाए हुए हैं, जो बीजेपी के साथ जाने की तैयारी में हैं. वहीं, पश्चिम यूपी में इमरान मसूद का भी कांग्रेस से मोहभंग हो रहा है और वो सपा का राग अलाप रहे हैं. इमरान मसूद के साथ-साथ सहारनपुर के दोनों विधायकों के भी कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं हैं, जो सपा में शामिल हो सकते हैं.

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