रायपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), रायपुर को हाल ही में पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी की ओपीडी को प्रथम सफलता मिली है। हृदय की जन्मजात बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को नया जीवनदान देने के उद्देश्य से किया गया ऑपरेशन पूरी तरह से सफल बताया जा रहा है। यहां एक मजदूर के 14 वर्षीय बच्चे के जन्मजात हृदय रोग वीएसडी क्लोजर को डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर पूरी तरह से ठीक कर दिया। एम्स में बच्चों की इस प्रकार की यह पहली सर्जरी है। ओडिशा के संबलपुर जिले के मजदूर परिवार के इस बच्चे को कई स्थान पर इलाज के लिए भर्ती किया गया, लेकिन हृदय रोग की जटिलता की वजह से उसका पूरी तरह से इलाज करना संभव नहीं था। हारे परिवार ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा और एम्स के सीटीवीएस विभाग में ओपीडी के माध्यम से संपर्क किया। यहां दो अगस्त को इस बच्चे की सफलतापूर्वक सर्जरी की गई। इसे वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट नामक बीमारी थी, जिसकी वजह से बच्चे को सांस लेने में तकलीफ, जल्दी थकान होना, हाथ और पैर में निरंतर सूजन की शिकायत बनी रहती थी। साथ ही इस बीमारी की वजह से उसके शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो रहे थे। सीटीवीएस विभाग ने तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लेते हुए योजनाबद्ध तरीके से ऑपरेशन किया। इसमें विशेषज्ञों की एक टीम ने समन्वित प्रयास किए। सीटीवीएस विभाग के साथ कार्डियोलॉजी, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर विभाग के चिकित्सकों ने सर्जरी की प्रक्रिया में भाग लिया। टीम में सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नितिन कश्यप, डॉ. जी. सौरभ, डॉ. प्रणय, डॉ. प्रीतम सहोनी, डॉ. शिवा, कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. सत्यजीत सिंग, डॉ. अविनाश, एनेस्थीसिया से डॉ. सुब्रत और क्रिटिकल केयर टीम से डॉ. चिन्मय शामिल थे। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है एवं सामान्य जीवन यापन कर रहा है। निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने चिकित्सकों की टीम को बधाई देते हुए इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया। उन्होंने विभिन्न विभागों के चिकित्सकों को समन्वित प्रयासों से जटिल ऑपरेशन जारी रखने के लिए प्रेरित किया है। एम्स में प्रति सप्ताह बुधवार एवं शनिवार को पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी ओपीडी सेवाएं संचालित की जा रही है। इसमें बाल रोगियों के जन्मजात एवं अन्य जटिल हृदय रोगों का ऑपरेशन भी किया जा रहा है।
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