बिलासपुर

हिंदू धर्माचार्यों का महासम्मेलन हुआ संपन्न धर्माचार्यों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा बढ़ता धर्मांतरण देश के लिए खतरा

हिंदू धर्माचार्यों का महासम्मेलन हुआ संपन्न
धर्माचार्यों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा बढ़ता धर्मांतरण देश के लिए खतरा

बिलासपुर/सुरेश सिंह बैस। अखिल भारतीय संघ समिति छत्तीसगढ़ प्रांत एवं विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त तत्वाधान में कोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में प्रांतीय धर्म आचार्य महासम्मेलन का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में पूरे छत्तीसगढ़ से पूजन अर्चक पुरोहित साधु सन्यासी कथावाचक बैग गुनिया एवं मंदिरों के पुजारी हजारों की संख्या में सम्मिलित हुए। यह महासम्मेलन सनातन धर्म पर हो रहे कुठाराघात एवं प्रांत के अंदर बढ़ती धर्मांतरण के घटनाओं को देखते हुए रखा गया था। इस माह सम्मेलन में धर्मांतरण मुक्त छत्तीसगढ़ सनातन विरोधियों को जवाब देने हेतु अनेक विद्वजनों को आयोजन करने एवं सनातनियों को सजग करने का कार्यक्रम तैयार किया गया।

बढ़ता धर्मांतरण देश के लिए खतरा
आचार्य राकेश कुमार
अखिल भारतीय संघ समिति के प्रांत उपाध्यक्ष आचार्य राकेश कुमार जी ने देश में बढ़ते धर्मांतरण की घटनाओं को सनातन परंपरा के लिए खतरा बताया है। इसके रोकथाम के लिए की, लिस्टिंग की मांग तथा वनवासी एवं आदिवासी क्षेत्रों में दलितों के बीच में साधु संतों को कार्य करने के लिए आगे आने का आग्रह किया है। उन्होंने आगे कहा कि विद्यालयों का संचालन गुरुकुलों का संचालन तथा बाल वाटिकाओं का संचालन बहुत तेजी के साथ करने पर हम धर्मांतरण के खिलाफ जो चलाए जा रहे हैं कुचक्र है उसे पर काबू कर सकते हैं।

राम मंदिर निर्माण हमारी अस्मिता का सबसे बड़ा प्रमाण है

स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेन्द्रानन्द सरस्वती जी ने राम मंदिर के निर्माण और आज भारतवर्ष के अनेक मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए धर्माचार्य संतो को भी अपने-अपने यहां के स्थित मंदिरों पर और तेजी के साथ कार्य करने के लिए आग्रह किया। अयोध्या का राम मंदिर हम हिंदुओं की सबसे बड़ी अस्मिता का केंद्र है। परंतु हर गांव में हर जगह पर आज पूरे भारतवर्ष में 20 लाख से अधिक मंदिर है। सभी मंदिर का सुदृढ़ीकरण व्यवस्थित करके रखना भी हम सभी धर्माचार्य का कार्य है।
विश्व हिंदू परिषद की कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा जी ने इस पूरे आयोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए सभी अर्चक पूरा पुरोहितों को एक मंच पर लाकर सनातन परंपरा को सुदृढ़ करने का कार्य किया। इनका यह कार्य बहुत सुंदर एवं सराहनीय रहा। इसके लिए अखिल भारतीय संत समिति के सम्माननीय अध्यक्ष महंत सरस्वती दास जी ने उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की। फिर उन्होंने आगे कहा कि बहरहाल आज पूरे प्रांत में ऐसी अनेक घटनाएं सनातन के खिलाफ सर्व धर्मांतरण का मामला हो चाहे अन्य मामले हों। बहुत तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं । ऐसे समय पर सभी संतो को साधुओं को सनातन परंपरा के प्रहरियों को इस पर कार्य करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता यदि सनातन ही एवं सनातनी ही अपनी रक्षा के लिए कार्य नहीं करेगा तो फिर आगे आने वाला कोई भी इस मार्ग पर नहीं है। इसलिए जितना ज्यादा हो सकता है। सभी धर्माचार्य को एक होकर के सनातन परंपरा की रक्षा के लिए कार्य करना चाहिए इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद एवं अखिल भारतीय संत समिति के सभी पदाधिकारी गण उपस्थित रहे संत समिति अध्यक्ष सर्वेश्वर दास महामंत्री राधेश्याम दास जी महंत नरेंद्र दास जी डॉक्टर दिनेश शास्त्री जी संत युधिष्ठिर लाल जी महाराज संत रामपाल जगदीश जी महाराज सीताराम दास जी महाराज स्वामी परमात्मानंद जी महाराज वेद प्रकाश जी, अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज छत्तीसगढ़ प्रमुख आचार्य दिनेश जी महाराज पीताम्बरा पीठाधीश्वर एवं विविध संप्रदायों की सभी संत उपस्थित रहे ।विश्व हिंदू परिषद से चंद्रशेखर वर्मा ललित मखीजा जितेंद्र वर्मा विभूति भूषण पांडे ऋषि मिश्रा घनश्याम चौधरी तथा पूरे प्रांत के पदाधिकारी गण उपस्थित रहे। मंच संचालन आचार्य नीलेश शास्त्री जी ने किया।

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