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AIR INDIA CASE : फ्लाइट में पेशाब करने वाले आरोपी को मिली जमानत

DELHI: दिल्ली पुलिस ने शंकर मिश्रा पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि आरोपी ने वरिष्ठ नागरिक पर पेशाब किया था।

पिछले साल 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से नई दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में एक महिला पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा को मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गई। बता दें कि सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरज्योत सिंह भल्ला ने इस मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी ने जिस गवाह का नाम लिया है वह उसके पक्ष में गवाही नहीं दे रहा है। शिकायतकर्ता के बयान और गवाह इला बनर्जी के बयान में विरोधाभास है।

हालांकि आरोपी शंकर मिश्रा की ओर से पेश अधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने अदालत को बताया था कि शिकायतकर्ता ने घटना के बाद टिकट की प्रतिपूर्ति की मांग की और आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उनके मुवक्किल को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि उसका आचरण संतोषजनक नहीं था और जांच लंबित थी।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने मिश्रा पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि आरोपी ने वरिष्ठ नागरिक पर पेशाब किया था। उसने अपने सभी मोबाइल फोन बंद कर दिए थे। फिर हमने उसे आईएमईआई नंबर के जरिए ट्रेस किया। उन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम किया है। उसे दिल्ली पुलिस ने छह जनवरी को गिरफ्तार किया था।
क्या है पूरा मामला
26 नवंबर 2022 को न्यूयार्क से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के विमान में यात्री शंकर मिश्रा ने एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब कर दिया था। इसके बाद शख्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस के कहने पर आव्रजन ब्यूरो ने लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया था। इसके अलावा आरोपी के बारे में जानकारी लेने के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की एक टीम आरोपी एस मिश्रा के एक रिश्तेदार से मिलने मुंबई पहुंची थी और पूछताछ भी की थी। इससे पहले एयर इंडिया ने अपने स्तर पर कार्रवाई करते हुए आरोपी पर 30 दिन की यात्रा पाबंदी लगा दी थी। आरोपी को छह जनवरी को दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।
समिति की जांच में शंकर मिश्रा को ‘बुरे व्यवहार वाला यात्री’ पाया गया 
एयर इंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक, पूर्व जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आंतरिक समिति ने इस मामले में जांच की और शंकर मिश्रा को ‘बुरे व्यवहार वाला यात्री’ पाया। जांच के बाद नागरिक उड्डयन के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार शंकर मिश्रा पर चार महीने के लिए उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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