चमोली : सात फरवरी को चमोली में आए सैलाब के रास्ते में जो आया, वो तबाह हो गया. अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 170 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं. पांचवें दिन भी तपोवन टनल में फंसे 30 से ज्यादा मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह से जारी था, लेकिन अचानक टनल में पानी भर जाने के कारण रेस्क्यू को अभी रोका गया है.
2:30 PM: अलकनंदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ रहा है और उसका पानी टनल में भी आ गया है. इस वजह से रेस्क्यू टीम को आधे किलोमीटर तक पीछे ले जाया गया है. मौके पर मौजूद जिलाधिकारी का कहना है कि हमें अभी नहीं पता है कि जलस्तर कैसे और कितना बढ़ा है, लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद किया गया है.
2: 23 PM: अलकनंदा नदी में अचानक बहाव तेज हो गया है. इस वजह से ड्रिलिंग ऑपरेशन को रोकते हुए पहले मशीनें बाहर निकाली गई, फिर रेस्क्यू टीम के लोगों को बाहर निकाल लिया गया है, हालांकि, अभी साफ नहीं है कि अचानक पानी का बहाव क्यों बढ़ गया है. फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया है.
2:18 PM: मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने आजतक को बताया कि ऊपर हमारी दूसरी टीम ने बताया कि अलकनंदा नदी का पानी ज्यादा हो गया है, इस वजह से हमने अपनी वापस बुला ली है, जैसे ही पानी कम होगा, फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा.
2:15 PM: तपोवन टनल में अचानक अफरा-तफरी का माहौल हो गया है, दरअसल रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान टनल से पानी निकलने लगा, इसके बाद आनन-फानन में रेस्क्यू टीम और मशीनों को बाहर निकाल लिया गया है, बैरिकेड्स लगाकर सभी कर्मचारियों को टनल से दूर किया जा रहा है.
12:00 PM: रैणी गांव से श्रीनगर तक लापता लोगों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन में उत्तराखंड पुलिस के साथ एसडीआरएफ की 8 टीमें लगी हुई हैं. ड्रोन, मोटरवोट के साथ ही डॉग स्क्वायड की मदद से ऑपरेशन चलाया जा रहा है. अलकनंदा के तटों पर बायनाकुलर से भी सर्च अभियान जारी है.
8:50 AM: गुरुवार तड़के तपोवन टनल में ड्रिलिंह ऑपरेशन शुरू किया गया. इस ड्रिलिंग के जरिए 12 से 13 मीटर लंबा छेद करने की कोशिश की जा रही है, जिससे पता चल सके कि अंदर कोई मौजूद है या नहीं.