रायपुर संभाग के एक सीनियर पूर्व कांग्रेस विधायक के परिवार में जमीन-जायदाद को लेकर विवाद काफी बढ़ गया है।बताते हैं कि पिछले दिनों विवाद सुलझाने के लिए परिवार से जुड़े एक बिल्डर ने शहर के बाहर एक फार्म हाउस में बैठक भी रखी थी। इसमें पूर्व विधायक, और उनके छोटे भाई के बच्चों के बीच झूमा झटकी भी हो गई।चर्चा है कि बेटों-भतीजों के बीच झगड़ा रोकने के लिए बिल्डर ने काफी कोशिशें भी की।पूर्व विधायक भी पहुंचे, लेकिन वो भी कुछ नहीं कर पाए।परिवार का झगड़ा पुलिस में पहुंच जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
जेल का रूतबा
छत्तीसगढ़ राज्य जनभावनाओं के अनुरूप और विकास को गति देने बनाया गया , लेकिन राज्य गठन के बाद भ्रष्टाचार काफी बढ़ गया।
प्रदेश में चारों तरफ संगठित भ्रष्टाचार के किस्से प्रतिदिन उजागर हो रहे हैं। कई अफसर जेल में हैं। कई का नंबर लग सकता है। कई अफसरों से राज्य और केन्द्र की एजेंसियां धमकाकर पूछताछ कर रही है। पहले पैसा नहीं था अब पैसा है तो जनभावनाओं के खिलाफ जाकर धन का भारी दुरूपयोग रोज सुर्खियों में है। जेल गए, बड़े बड़े लोगों को गर्मी में पेड़ के छांव तक नहीं मिल रहे हैं। एसी, कूलर की तो बात छोड़ दें।
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कुछ और अफसर जेल जायेंगे..
जेल में बंद विभिन्न विभागों के अधिकारियों ठेकेदारों और सप्लायरों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे पहली बार जेल विभाग महत्वपूर्ण विभाग हो गया है। बड़े-बड़े राजनेता अफसर भी कब जेल जाना पड़ जाएगा, इस डर में अधिकारियों को नमस्कार करने लगे हैं। जेल अफसरों की पूछ परख होने लगी है। पहली बार जेल अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अपने विभाग का महत्व समझ आने लगा है। जेल में बंद वीआईपी लोगों से लोगों से मिलने से भी डर रहे हैं। क्योंकि ईडी, एसीबी सहित विभिन्न एजेंसियों के अधिकारी व कर्मचारी सादी वर्दी में पूरे निगाह रख रहे हैं। फोन डिटेल खंगाले जा रहे हैं। एक बार से अधिक जेल में बंद किसी भी अपराधी ने फोन किया है, तो बुलाकर पूछताछ की जा रही है।
भारत माला में भ्रष्टाचार से गडक़री नाराज..
भारतमाला योजना की सडक़ में हुए भारी भ्रष्टाचार की परतें खुलने के बाद केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ के नेताओं व अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर की। बताते हैं कि गडकरी ने योजना को बंद करने की चेतावनी तक दी है। भारत भर में बन रहे भारत माला योजना में सबसे ज्यादा गड़बड़ी छत्तीसगढ़ में उजागर होने के कारण केन्द्रीय नेतृत्व इस प्रकार की गतिविधियों से नाराज है। योजनाओं के समय पर पूरा होने पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। घपले और घोटाले की जांच अब ईडी से भी कराने का निर्णय लिया गया है। भारत माला योजना की कुछ और तथ्य दिल्ली तक पहुंचाई जा रही है। इस मामले की कई आरोपी अधिकारी डर के फरार हो गये हैें। आगामी दिनों और बड़ी धरपकड़ होने के संकेत है।
खाद्य विभाग में फेरबदल
से टकराहट..
हाल में हुए प्रशासनिक फेरबदल में सर्वाधिक चर्चा खाद्य विभाग को लेकर है। एक महिला अधिकारी की नाराजगी की चर्चा है। वहीं एक और महिला अधिकारी के विभाग में एंट्री के किस्से गढ़े जा रहे है। बताया जाता है कि ऊपर के निर्देश पर खाद्य विभाग में सबकुछ बदलने की कवायद की गयी है। इन सबके बीच एक महिला अधिकारी के एंट्री किसी को पच नहीं रही है।
निगम-मंडलों में नियुक्ति भी टली..
जिस तरह मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों पर विराम लग गया। उसी तरह निगम मंडलों में भी नियुक्ति का मामला लंबा खिंचने की चर्चा है। जिन निगम मंडलों में युक्ति होनी है उसकी कवायद जारी है लेकिन शासन स्तर पर मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। नई नियुक्ति के बाद पदाधिकारी विभाग और काम को समझने में लगे हैं दूसरी तरफ नई सूची में जिन लोगों के नाम शामिल है उन्हें फिलहाल शांति के साथ पार्टी गतिविधियों में सक्रिय रहने कह दिया गया है अब अनुशासन व पद पाने की आकांक्षाएं में ज्यादातर लोग शांत बैठ गये हैं और नई तिथि का इंतजार कर रहे है।