Monday, January 13, 2025
बिलासपुर वॉच

एसडीएम पीयूष तिवारी की बड़ी कार्यवाही तालाब को पाटकर खेत बनाने वालों पर लगाया 25000 का जुर्माना और तालाब को पुनः मूल स्वरूप में लाने का जारी किया आदेश

Share this
एसडीएम पीयूष तिवारी की बड़ी कार्यवाही तालाब को पाटकर खेत बनाने वालों पर लगाया 25000 का जुर्माना और तालाब को पुनः मूल स्वरूप में लाने का जारी किया आदेश

बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने पिछले माह नगर निगम क्षेत्र के तालाबों की जांच एसडीएम पीयूष तिवारी के द्वारा कराई थी, जिसमें यह बात सामने आयी कि ग्राम कोनी खसरा नंबर 126 रकबा 0.299 हेक्टेयर जो कि वर्तमान में हजारी प्रसाद पिता रामप्रसाद के नाम पर दर्ज है, यह जमीन मिसल के कालम 4 में ‘पानी के ऊपर ‘ मद में दर्ज है और वाजिबुल अर्ज के कालम 2 में ‘तालाब ‘ दर्ज है. छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 के अनुसार तालाब और पानी के ऊपर मद की जमीन का स्वरूप परिवर्तन नहीं किया जा सकता क्यूंकि यह सामूहिक निस्तार की जमीन होती है, इसका उल्लंघन लोकहित को बाधित करता है ।

एसडीएम ने तहसीलदार से जाँच कर स्पष्ट प्रतिवेदन मंगाया, जांच में तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार यह सिद्ध हुआ कि अनावेदक व्यासनारायण पाण्डेय पिता रामचरण तथा सुरेंद्र पाण्डेय पिता रामलाल के द्वारा तालाब को पाट कर खेत बनाया गया है,
अनुविभागीय अधिकारी ने भू राजस्व संहिता की धारा 242 के तहत मामला दर्ज करते हुए अनावेदकों से जवाब लिया जवाब में अनावेदकों ने भी यह स्वीकार किया कि उन्होंने तालाब की जमीन को पाट कर खेत बनाया है, बाकी जवाब संतोषप्रद ना होने के कारण छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता की धारा 242, 253 के तहत अनावेदकों पर 25000रु का जुर्माना अधिरोपित किया और तालाब को उसके मूल स्वरूप में लाने का आदेश पारित किया है साथ ही अपने आदेश में उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि 7 दिवस के भीतर तालाब को उसके मूल स्वरूप में नहीं लाने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी.

जिला कलेक्टर के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी और उनकी राजस्व टीम की इस कार्यवाही से प्राकृतिक जल स्त्रोत का पुनः स्थापन सुनिश्चित होगा, साथ ही प्राकृतिक स्थानों को पाटकर खेती या प्लॉटिंग करने वालों को यह संदेश भी जाएगा कि कलेक्टर का प्रशासनिक डंडा उन पर कभी भी चल सकता है.

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *