रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निवासी आरटीआई कार्यकर्ता और विसलब्लोअर संजीव अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग को छत्तीसगढ़ के लिए काला हाथी करार दिया है।
उनका कहना है कि उन्होंने आज से 9 महीनों पूर्व छत्तीसगढ़ शासन के ऊच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को आईएसबीएम निजी विश्वविद्यालय के द्वारा छत्तीसगढ़ के एक सजा याफता मुजरिम जोकि जेल में बंद था, उसकी पैसों के बदले डिग्री देने के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें संबंधित विभाग के मंत्री ने 15 दिनों के भीतर जांच कराने का आदेश दिया था जिसके बाद छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग के एक आईएएस अधिकारी द्वारा संबंधित प्रकरण में जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंप दी गई। शासन द्वारा छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग से उस रिपोर्ट के आधार पर अभिमत मांगा गया जोकि आज तक नहीं भेजा गया।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि इसी तरह एक अन्य प्रकरण में छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 7 जून 2021 को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर रामजी द्विवेदी, प्रभारी सचिव, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, रायपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा विधानसभा आश्वासन की अपेक्षित जानकारी उपलब्ध नहीं कराते हुए अन्य जानकारी विभाग को भेजी गई थी। जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव गौरीशंकर शर्मा ने रामजी द्विवेदी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था जिसपर आज दिनांक 03 फरवरी 2022 तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
संजीव अग्रवाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन के अधीन कार्यरत कुछ अधिकारियों द्वारा जानबूझकर कार्यों में विलंब कर, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। अब ये किसके कहने पर हो रहा है ये जांच का विषय है। इसलिए मैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग करता हूं कि ऐसे मनचले अधिकारियों पर तत्काल प्रभाव से सख्त से सख्त कार्रवाई करें।