रायपुर वॉच

छत्तीसगढ़ में दम तोड़ता ‘रोका-छेका अभियान’, मवेशी फिर से सड़कों पर….

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3 महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की थी. जिसमें नरवा, घुरवा, बाड़ी और गरवा योजना शामिल थी. इस योजना के तहत नहर, बाड़ी, घुरवा और गरवा यानी गायों के संरक्षण के लिए काम करने की योजना तैयार की गई थी. सड़कों पर आवारा घूमती गायें दुर्घटना का शिकार न हो और वह खतों में फसलों को नुकसान न पहुचाए इसके लिए सरकार ने ‘रोका छेका अभियान’ शुरू किया था.

‘रोका-छेका अभियान’,अभियान के तहत सड़कों पर घूमने वाले आवारा मवेशियों को पकड़कर गौठान में रखने और उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी. योजना की शुरूआत में यह काम अच्छे से हुआ, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, यह योजना दम तोड़ती नजर आने लगी. अब इस अभियान के तहत न तो गायों को सड़कों से हटाया जा रहा है और न उन्हें गौठानों में रखा जा रहा. जो गायें गौठानों में हैं, उनके खाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है. जिसके कारण अब आवारा मवेशी सड़कों पर दिखाई देने लगे हैं.घुमक्कड़ हाथी! तीन दिनों से कोरिया के जंगलों में डेरा डाले बैठा 7 हाथियों का दल, ग्रामीणों में दहशतएक सर्वे के मुताबिक, यह माना गया है कि शहर और शहर से बाहर जाने वाली सड़कों पर ज्यादातर दुर्घटनाएं आवारा मवेशियों की वजह से ही होती है. शहर के बाहर तो दूर यह योजना शहर के भीतर भी दम तोड़ चुकी है. यही कारण है कि शहर के मुख्य मार्गों पर आवारा मवेशियों का कब्जा रहता है और वे दुर्घटना का कारण बनते हैं. जब मवेशी लड़ते हैं तो लड़ते-लड़ते वाहन चालकों के ऊपर या दुकानों में घुस जाते हैं. जिसकी वजह से बड़ी घटनाएं भी हो जाती है. पिछले दिनों ऐसा ही एक मामला सिम्स मेडिकल कॉलेज में आया था. जब एक युवक मोटरसाइकिल से गुजर रहा था तो एक आवारा मवेशी उसके ऊपर चढ़ गया और वह हादसे का शिकार हो गया.शहर के अंदर रोका छेका अभियान की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन नगर निगम के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते. इस मामले में जब मेयर इन काउंसिल के सदस्य से बात की तो उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया है कि वे इस ओर ध्यान दें और लोगों को होने वाली परेशानियों से बचाएं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *