प्रांतीय वॉच

देवभोग जनपद अध्यक्ष के परिवार का शत्रु संपत्ति पर भी कब्जा 

  • जिला प्रशासन गंभीर, होगी बेदखली की कार्यवाही 
  • एरियर्स भी वसूल होगा 
किरीट ठक्कर/ गरियाबंद/ देवभोग। हमारे सुधि पाठकों को याद होगा कि अभी पिछले दिनों ही हमने आपके लोकप्रिय अखबार दैनिक छत्तीसगढ़ वॉच में देवभोग की शासकीय घास जमीन पर जनपद अध्यक्ष श्री मति नेहा सिंघल के परिजनों द्वारा अतिक्रमण किये जाने को लेकर खबर का प्रकाशन किया था। मामले में देवभोग ब्लॉक के ही ग्राम घुमरगुड़ा निवासी पूर्व जिला सरपंच संघ अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राजपूत ने कलेक्टर गरियाबंद के समक्ष शिकायत की थी। शिकायत पर गंभीरता पूर्वक कार्यवाही हुई और तहसीलदार देवभोग द्वारा अतिक्रमित भूमि पर अवैध निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। दूसरी तरफ देवभोग जनपद अध्यक्ष नेहा सिंघल के परिजनों द्वारा शत्रु संपत्ति पर भी कब्जा किये जाने की पुष्ट जानकारी प्राप्त हुई है। विदित हो कि इस मामले में जिला प्रशासन बेहद गंभीर है और छग शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर से लेकर तहसीलदार देवभोग तक पत्राचार जारी है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी पत्रानुसार शत्रु संपत्ति पर बिंदुवार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।
क्या होती है शत्रु संपत्ति या एनिमी प्रॉपर्टी 
यहाँ शत्रु का अर्थ आपके या मेरे व्यक्तिगत शत्रु से नही है वरन ऐसे शत्रु या नागरिकों से है जो दुश्मन देश के नागरिक हैं, या सन 1947 में भारत – पाकिस्तान बंटवारे के वक्त जो लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गये और वहां की नागरिकता ले ली , जाहिर है ऐसे लोग अपने साथ अपनी ज़मीन जायदाद मकान हवेली तो साथ ले नही जा सकते थे , ऐसे ही लोगों की संपत्ति, शत्रु संपत्ति कहलाती है। शत्रु संपत्ति का एक दूसरा प्रकार भी है जिसके अनुसार जब दो देशों के बीच युद्ध छिड़ जाये तब सरकार अपने दुश्मन देश के नागरिकों की अपने देश में मौजूद संपत्ति जप्त कर सकती है। इस मामले में भारत में 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम पारित किया गया। मार्च 2017 में इस अधिनियम में संशोधन भी किया गया है। संशोधित अधिनियम के तहत अब ऐसे लोग भी शत्रु है जो भले ही भारत के नागरिक हैं किंतु उन्हें विरासत में मिली संपत्ति किसी पाकिस्तानी नागरिक के नाम है। भारत – चीन के बीच 1962 के युद्ध तथा सन 1965 और 71 में पाकिस्तान से छिड़ी जंग के दौरान ,भारत सुरक्षा अधिनियम के तहत इन देशों के नागरिकों की संपत्ति पर सरकार ने कब्जा कर लिया था। ऐसी ही संपत्तियों को शत्रु संपत्ति या एनिमी प्रोपर्टी कहा जाता है। भारत सरकार ऐसी संपत्तियों को बेचने की तैय्यारी कर रही है।
कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी फ़ॉर इंड़िया , एक संवैधानिक प्राधिकार 
छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित शत्रु संपत्ति के निवर्तन के संबंध में , सचिव छग शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर के माह जुलाई 2020 में जारी पत्रानुसार , एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट अंतर्गत कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी फ़ॉर इंड़िया ( सीईपीआई ) एक संवैधानिक प्राधिकार है , जिसकी सहायता के लिए डिप्टी कस्टोडियन तथा असिस्टेंट कस्टोडियन का प्रावधान है। जिला मस्जिट्रेट शत्रु संपत्ति के संबंध में अपने जिले के पदेन डिप्टी कस्टोडियन होते हैं। जुलाई 2020 में ही ,सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शत्रु संपत्ति के निराकरण के संबंध में विभिन्न बिदुओं में कार्यवाही के निर्देश दिये गये है।
देवभोग के ग्राम गिरसुल में है शत्रु संपत्ति 
सितंबर 2020 में तहसीलदार देवभोग द्वारा अनुविभागीय अधिकारी ( रा ) कार्यालय देवभोग को प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार , ग्राम गिरसुल पटवारी हल्का नंबर 10 राजस्व निगम मंडल व तहसील देवभोग में शत्रु संपत्ति खसरा नं 255 रकबा 2.34 हेक्टेयर भूमि एवं खसरा नं 230 रकबा 0.65 हे. भूमि स्थित है , जिसका चिन्हांकन कर लिया गया है। वर्तमान में फसल लगी होने के कारण सीमांकन नही किया जा सका है , तथा नक्शा दुरुस्त है। खसरा नं 255 रकबा 2.34 हे. भूमि पर दीपक सिंघल पिता नरेश कुमार साकिन देवभोग जिला गरियाबंद का काश्त कब्जा है। खसरा नं 230 का टुकड़ा रकबा 0.20 हे पर दीपक सिंघल पिता नरेश कुमार का काश्त कब्जा तथा 0.15 हे. पर ग्राम गिरसुल के ग्रामवासियों द्वारा मकान बनाकर निवासरत है , एवं 0.02 हे.पर प्राथमिक शाला भवन , 0.01हे भूमि पर आंगनबाड़ी भवन तथा 0.27 हेक्टेयर भूमि रिक्त है। अतिक्रमित भूमि से बेदखली कार्यवाही करने निर्देशित किया गया है , शत्रु संपत्ति का स्वामित्व सीईपीआई के पक्ष में करने साथ ही बेजा कब्जा करने वालों से उक्त अवधि का एरियर्स वसूल करने का निर्देश प्राप्त हुआ है।
छत्तीसगढ़ के तीन जिलों में है शत्रु संपत्ति 
छत्तीसगढ़ के मुंगेली सूरजपुर तथा गरियाबंद जिले में शत्रु संपत्ति स्थित है। मुंगेली जिले में स्थित शत्रु संपत्ति कुल 5.248 हेक्टेयर वर्तमान में अन्य लोगों के नाम दर्ज होना पाया गया है। सूरजपुर में भी 6.99 हे. भूमि अन्य व्यक्तियों के नाम दर्शित होता है। राज्य शासन की ओर से संबंधित कलेक्टर्स को इस संबंध में सुनवाई उपरांत समुचित कार्यवाही के निर्देश हैं , तथापि प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के अनुसार कार्यवाही के पूर्व संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका भी दिया जाना है। किंतु यह भी ज्ञात हो कि माननीय उच्च न्यायालय को छोड़कर अन्य न्यायालय को शत्रु संपत्ति के संबंध में विचारण का अधिकार नहीं है।
क्या कहतें है शिकायतकर्ता देवेंद्र राजपूत 
शत्रु संपत्ति सरकार की महत्वपूर्ण संपत्ति है जिसका सीधा सरोकार केंद्रीय गृह मंत्रालय से है इसलिए मैंने इस महत्वपूर्ण भूमि पर अवैध कब्जा धारी दीपक सिंघल ( नेहा सिंघल के पति)  के ऊपर कड़ी कानूनी कार्यवाही एवं उपज को कर सहित जप्त करने हेतु जिलाधीश , पुलिस कप्तान , एसडीएम , तहसीलदार देवभोग को लिखित में शिकायत की है।
मेरी मांग है कि तत्काल कार्यवाही की जाये और पूरे कब्जा की भूमि पर निर्धारित प्रति एकड़ के हिसाब से उपज का कर सहित वसूली किया जाए।
देवेंद्र सिंह राजपूत शिकायतकर्ता

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