गड्ढों में मछली जाल डालकर सड़क की बदहाली पर सरकार को घेरा
यह कोई तालाब नहीं, बल्कि तीन राज्यों को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे है
दंतेवाड़ा | बीजापुर–बारसूर नेशनल हाईवे की जर्जर और जानलेवा स्थिति के विरोध में कांग्रेस ने शनिवार को अनोखा प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता सड़क पर बने विशाल गड्ढों में मछली पकड़ने का जाल लेकर पहुंचे और सवाल उठाया — “क्या यह राष्ट्रीय राजमार्ग है या तालाब?”
प्रदर्शन का उद्देश्य प्रदेश सरकार को यह दिखाना था कि सड़कें किस हद तक बदहाल हो चुकी हैं कि अब उनमें मछली पकड़ने की स्थिति बन गई है।
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि यह मार्ग न केवल आम जनता के आवागमन का महत्वपूर्ण जरिया है, बल्कि बस्तर को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग है। इसके बावजूद सड़कों की उपेक्षा सरकार की उदासीनता दर्शाती है। उन्होंने यह भी बताया कि यही मार्ग स्थानीय विधायक चैतराम अटामी के गृह ग्राम तक जाता है, फिर भी मरम्मत की कोई पहल नहीं की गई।
इसी दौरान एक बाइक सवार वहां से गुजरते समय गड्ढे में फँसकर गिर पड़ा, जिसने इस सड़क की वास्तविक और गंभीर स्थिति को प्रत्यक्ष रूप से उजागर कर दिया।
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कर्मा ने कहा –
“ट्रिपल इंजन सरकार में सड़कों का हाल ऐसा है कि हाईवे पर मछली पकड़ने की नौबत आ गई है। यदि जिला मुख्यालय में यह दशा है, तो अंदरूनी इलाकों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।”
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विमल सुराना ने कहा –
“इस गड्ढे में अब तक कई हादसे हो चुके हैं और कुछ लोगों की जान भी गई है, लेकिन सरकार मरम्मत के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार कर रही है। आम जनता की जान किसी की प्राथमिकता नहीं रह गई है।”
इस मौके पर पूर्व विधायक देवती कर्मा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शकील रिजवी, जिला पंचायत सदस्य सुलोचना कर्मा, जिला महामंत्री रविश सुराना, जिला महामंत्री कमलोचन सेठिया, जिला अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष आसिफ रजा, जिला सचिव रजत दहिया, पूर्व सरपंच लखमू नेताम, दिनेश गुप्ता, युवा कांग्रेसी नेता उमेश कश्यप, संदीप राठौर, गौरव गुप्ता, गौरव सुराना, रोबर्ट साइमन, सुनील गोलच्छा, शैलेन्द्र कौमार्य, रोशन पवार, गोलू ठाकुर सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि तत्काल मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा। जनता की सुरक्षा और सम्मान की लड़ाई जारी रहेगी।

