देश दुनिया वॉच

Blackout : फिर बजेगा सायरन, होगा ब्लैकआउट, 31 मई को मॉक ड्रिल के तहत लोगों को अलर्ट रहने की चेतावनी

Share this

नई दिल्ली – पाकिस्तान सीमा से सटे भारतीय राज्यों में एक बार फिर से सायरन की आवाज़ें गूंजेंगी और कुछ देर के लिए अंधेरा छा जाएगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने सीमावर्ती जिलों में संभावित आपातकालीन हालात से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए एक नई पहल की है। इस योजना के तहत हर महीने एक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें स्थानीय नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति में कैसे सुरक्षित रहें, इसकी व्यावहारिक ट्रेनिंग दी जाएगी।

31 मई को पहली बड़ी मॉक ड्रिल, कई एजेंसियों की सहभागिता
सूत्रों के अनुसार, इस महीने 31 मई को जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और केंद्र शासित चंडीगढ़ के सीमावर्ती जिलों में एक साथ यह अभ्यास किया जाएगा। ‘ऑपरेशन शील्ड’ नाम से होने वाली इस मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट किया जाएगा और चेतावनी सायरन बजाए जाएंगे ताकि लोग अलर्ट रहना सीखें।

इस अभ्यास में स्थानीय पुलिस, सिविल डिफेंस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), स्वास्थ्य विभाग और अन्य आपातकालीन सेवाएं हिस्सा लेंगी। उद्देश्य है – किसी भी संभावित हमले या संकट की स्थिति में नागरिकों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय की जांच करना।

क्या सिखाया जाएगा मॉक ड्रिल में?
ड्रिल के दौरान लोगों को यह बताया जाएगा कि यदि हवाई हमला, मिसाइल स्ट्राइक या ड्रोन हमला होता है, तो कैसे सुरक्षित स्थान पर पहुँचना है, ब्लैकआउट में कैसे व्यवहार करना है और सरकारी निर्देशों का पालन कैसे करना है।

पिछली घटनाओं की पृष्ठभूमि में आया फैसला
गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ा है। इसी संदर्भ में 7 मई को भी पूरे देश में एक अभ्यास किया गया था। उसके बाद अब सरकार ने नियमित रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में इस तरह की रिहर्सल करने का निर्णय लिया है।

क्यों जरूरी हैं ये मॉक ड्रिल?
सीमा से सटे इलाकों में बसे नागरिक अक्सर पहले निशाने पर होते हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि वे न केवल मानसिक रूप से तैयार रहें, बल्कि व्यवहारिक रूप से भी जानें कि संकट की घड़ी में उन्हें क्या करना चाहिए।

फिलहाल ध्यान में रखें – 31 मई को सीमावर्ती जिलों में कुछ घंटों के लिए सायरन और ब्लैकआउट होगा, जिससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। यह एक पूर्व नियोजित अभ्यास है, जो आपकी सुरक्षा के लिए ही किया जा रहा है। आपके इलाके में होने वाली मॉक ड्रिल की जानकारी के लिए स्थानीय प्रशासन की सूचनाओं पर नजर बनाए रखें।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *