बिजली कटौती को लेकर सीपत नगर वाशियो का बिजली ऑफिस सीपत मे हल्ला बोल
सीपत (सतीश यादव):-
प्रदेश की सबसे बड़े विद्युत उपभोक्ता वितरण केंद्र सीपत का हाल बेहाल है लगातार बिजली आपूर्ति ठप रहने से परेशान सैकड़ो ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा मंगलवार की रात सीपत स्थित विद्युत सब स्टेशन का घेराव कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मौके पर विद्युत विभाग के कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं थे, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा और भी भड़क गया। ग्रामीणों ने सीपत बस स्टैंड क्षेत्र की बिजली व्यवस्था के दुरुस्त नही होते तक पूरे नगर की बिजली को बंद करा दिया।
सीपत क्षेत्र में बिजली विभाग की लचर कार्य प्रणाली ने एक बार अमजनों को भारी संकट मे डाल दिया भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती ने लोगो की परेशानी दुगनी कर दी है ।
लचर व्यवस्था से पूरे क्षेत्र में हाहाकार
यह संकट केवल सीपत जैसे नगर मे तो है बांकी के 90 गांव को सीपत बिजली विभाग से सप्लाई की जाती है वही सीपत की बिजली गुल होने से पुरे क्षेत्र मे दिनों मे बिजली कटौती आम बात हो गईं है।
शिकायत करने के बाद भी समस्या का जल्द समाधान नहीं
ग्रामीण जन प्रतिनिधियों से विभाग को लगातार शिकायत मिलती रही लेकिन वहाँ सुनने वाला कोई नहीं विधुत समस्या से किसान, छात्र, व्यापारी सहित सभी वर्ग के लोग प्रभावित है
प्रभारी अधिकारी पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी
बिजली विभाग मे अनुभवी अधिकारी एई की छुट्टी से फाल्ट सुधारने का काम ठप है.।
गिनते के लाइनमेन फाल्ट सुधार रहे है| अधिकारियो की नियुक्ति से ही बिजली व्यवस्था पटरी पर लौट सकती है
रोजाना कटौती से लोग परेशानः कई गांव के ग्रामीण
गांव वालों का कहना है कि पिछले कई दिनों से रोजाना घंटों बिजली गुल रहती है। गर्मी के मौसम में जहां पंखे और कूलर जवाब दे चुके हैं। वहीं सप्लाई का कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सीपत मुख्यालय सहित कई गांवों में बिजली 8 से 10 घंटे तक बंद रहती है।
देवेश शर्मा ने खम्हरिया उपकेंद्र को डीसी का दर्जा देने मांग की
खम्हरिया क्षत्र के ग्रामीणों को लंबे समय से विद्युत आपूर्ति में आ रही गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। बार-बार शिकायतों के बावजूद सुधार कार्य समय पर नहीं हो पा रहा, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए लुतरा के जनपद सदस्य देवेश शर्मा ने मंगलवार को बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल से मुलाकात कर खम्हरिया उपकेंद्र को डीआईसी (डिस्ट्रिब्यूशन इन्फ्रास्ट्रक्चर सेंटर) का दर्जा देने की मांग की। शर्मा ने बताया कि खम्हरिया उपकेंद्र के अंतर्गत 24 गांव आते हैं, जो वनांचल क्षेत्र में बसे हुए हैं। बिजली आपूर्ति में आई सामान्य सी गड़बड़ियों के लिए भी ग्रामीणों को करीब 30 किलोमीटर दूर सीपत विद्युत कार्यालय तक जाना पड़ता है। इससे न सिर्फ समय की बर्बादी होती है, बल्कि कई बार हफ्तों तक बिजली समस्याएं बनी रहती हैं। उन्होंने कहा कि यदि खम्हरिया में ही डीसी की स्थापना की जाए, तो स्थानीय स्तर पर ही तुरंत समस्या का समाधान हो सकेगा। क्षेत्र में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, और समय पर मरम्मत नहीं होने से ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हो रहा है। इस मांग का ग्रामीणों ने भी समर्थन किया है। उनका कहना है कि एक स्थानीय वितरण केंद्र से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि आपात स्थिति में तत्काल सहायता भी मिल सकेगी।