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Voter ID आधार कार्ड से नहीं है Link….तो क्या हो जाएगा रद्द ?, पढ़ें…

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दिल्ली :- एक भारतीय नागरिक के जीवन में Voter ID का विशेष महत्व है। चुनाव आयोग ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने की योजना का फैसला ले लिया है, और जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा। जिसके तरत वोटर आईडी को आधार कार्ड के साथ लिंक करना जरूरी हो गया है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है।

यदि किसी का वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं होता है और उसका वोटर आईडी निरस्त हो जाएगा, तो उसका नाम वोटर लिस्ट में नहीं रहेगा और वह वोट नहीं डाल पाएगा। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में है, तो वह वोट डाल सकता है, भले ही उसके पास का वोटर आईडी न हो।

मतदान के समय, व्यक्ति को वोट डालने के लिए आधार या अन्य किसी पहचान पत्र (जैसे कि पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आदि) लेकर जाना होगा। इसलिए यह जरुरी है कि लोग अपने वोटर आईडी को आधार से लिंक करें ताकि किसी भी परेशानी से बचा जा सके।

इस कदम के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

1. भारत में कई लोगों के पास एक से अधिक वोटर आईडी हो सकते हैं, जिसके कारण फर्जी वोटिंग की घटनाएं बढ़ती हैं। आधार कार्ड से लिंकिंग के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर व्यक्ति के पास केवल एक ही वोटर आईडी हो, जिससे फर्जी वोटिंग की संभावनाएं कम हो जाएंगी।

2. आधार कार्ड एक सरकार द्वारा जारी किया गया पहचान पत्र है, जो भारतीय नागरिकों को एक अद्वितीय पहचान प्रदान करता है। वोटिंग प्रक्रिया में आधार के उपयोग से यह सुनिश्चित होगा कि मतदान करने वाले व्यक्ति की पहचान सही और प्रमाणित है।

3. अगर किसी के पास वोटर आईडी नहीं है, लेकिन उसका नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है, तो वह अपने आधार या अन्य पहचान पत्र के साथ मतदान केंद्र पर जाकर वोट डाल सकता है।

4.  वोटर आईडी को आधार से लिंक करने से निर्वाचन आयोग को अपडेटिड और सटीक जानकारी प्राप्त होगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा।

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