दुनिया में एक ऐसा शहर भी जहां लोगों के मरने पर पाबंदी है तो आपको यकीन नहीं होगा. लेकिन ये सच है। दरअसल, नार्वे के लोंगयेरब्येन शहर में लोगों के मरने पर पाबंदी है।करीब 2000 लोगों की अबादी वाले इस शहर में 70 से ज्यादा वर्षों से किसी भी लाश को दफनाया या जलाया नहीं गया है।
शहर के बाद उत्तर दिशा में कोई दूसरा रिहायशी इलाका नहीं है जहां लोग रहते हों। इस शहर में ईसाई धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं. ये शहर हमेशा बर्फ की चादर तले ढका रहता है। यहां साल के 4 महीने सूर्य के दर्शन नहीं होते. यानी 4 महीने अंधेरा ही रहता है और जब सूर्य निकलता है तो यहां के लोग उस मौके को त्योहार ( festival)के रूप में मनाते हैं।
बर्फ में दफनाई गई लाशें न तो गलती हैं, न खराब होती हैं,
बर्फ में दफनाई गई लाशें न तो गलती हैं, न खराब होती हैं, न ही उनमें सड़न आती है, बल्कि वो जम जाती हैं और सालों साल वैसी की वैसी ही रहती हैं. ऐसे में मृत शरीर के वायरस( virus) लोगों में बीमारी फैला सकता है।