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चिरमिरी को जिला मुख्यालय बनाने तेज होगा आंदोलन…पत्रकारवार्ता का आयोजन कर आगामी रणनीति पर किया विचार विमर्श

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चिरमिरी (भरत मिश्रा) । चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति ने हल्दीबाड़ी अलवीना होटल में बड़ी बैठक व पत्रकारवार्ता का आयोजन कर मुख्यालय बनाने को लेकर आगामी रणनीति पर विचार विमर्श किया गया। आपको बता दे कि प्रकृति की अनमोल धरोहर व खूबसूरती को अपने पर्वतमाला व शिखरों मे समेटे
विहंगम दृश्य वाले निगम चिरमिरी के साथ भारतीय कोल उद्योग मे 93 वर्षों
से स्थापित चिरमिरी वर्तमान समय मे विषम परिस्थितियों मे कम व सिमटते तथा समाप्त होते कोल भण्डार के चलते बंद होते कोयला खदान ईकाईयों के चलते अस्तित्व बचाने के संकट से जूझ रहा है।

जिससे वर्तमान मे चिरमिरी की पूरी आबादी दैनिक समस्याओं गिरते व कम होते
रोजगार तथा प्रभावित होते व्यापार के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों की
समस्याए दिन प्रतिदिन बढ़ते व गहराते जा रहा है चिरमिरी के अस्तित्व की
समस्या का एक मात्र निदान व उपाय चिरमिरी का शासकीय स्तर व दर्जा बढ़ाया
जाना एक मात्र निदान व रास्ता बन सकता है इस संदर्भ में चिरमिरी मे जिला मुख्यालय व शासकीय कार्यालय बनाने व स्थापित होने से आबादी की स्थिरता न
केवल बचेगी बल्कि शासकीय कार्यालयों के चलते नये उपक्रम खुलने से विकास
के साथ नये मजबूत अवसरों की सम्भावनाएं भी साकार रूप ले सकेगी।

खनिज क्षेत्र के रूप में चिरमिरी से राज्य शासनों ने अरबो-खरबो की राशि
विभिन्न टैक्सों व रायल्टी के रूप मे अर्जित की है। लेकिन बदले में
चिरमिरी को आज तक क्या मिला यह आज भी यक्ष प्रश्न है। विस्थापना और
उजाड़ना क्या यही चिरमिरी की नियति है क्या जिला मुख्यालय व शासकीय
कार्यालय बनाकर जबकि इसके लिये सारी अनुकूल स्थिति अभी तत्काल उपलब्ध है।
और भविष्य के लिये लगभग 150 एकड़ से ज्यादा शासकीय व निगम की जमीन भी
उपलब्ध है शासन अपनी ही नौ दशको से उपेक्षित आबादी को पोषित संरक्षित और
सुरक्षित नही कर सकती जबकि इसके लिये मुख्यमंत्री व विधायकगण के
साथ नवीन जिला मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के लिये प्रकाशित राजपत्र
सूचना के अनुसार सचिव राजस्व एंव आपदा प्रबंधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन को
21 बिन्दुओं वाले दावा तथा 8640 व्यक्तिगत नागरिकों द्वारा पूर्व से ही
सौपें गये है लेकिन सचिव आपदा प्रबधन का इस संदर्भ में जन सुनवाई न करना
तथा निष्क्रीय रह मौन रहना समझ से परे है। जिसके चलते संघर्ष समिति अपनी मातृभूमि व कर्मभूमि के हित मे पुनः जनहित मे आन्दोलन की राह मे चलने के लिये विवश है।

चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति ने एक बड़ी बैठक करके आन्दोलन
की रूप-रेखा बनाई है जिसके अनुसार – 1). एक विशेष प्रतिनिधि मण्डल
क्षेत्रीय विधायक डॉ० विनय जायसवाल से मुलाकात करके जिला मुख्यालय व
कार्यालयों के संबंध मे चिरमिरी की वास्तविक स्थिति के साथ विधायक व
राज्य शासन की मंशा व उठाये जाने वाले कदमों के संबंध में जानकारी
प्राप्त करेगा। 2). समय-समय पर चिरमिरी क्षेत्र में जन जागरण रैली निकाली
जायेगी। 3). निगम चिरमिरी के चालीस वार्डो मे जन सम्पर्क अभियान के
द्वारा अस्तित्व समाप्ति की ओर निरन्तर बढ़ रहे चिरमिरी की जानकारी देने
के साथ चिरमिरी मे जिला मुख्यालय व शासकाय कार्यालयों के संबंध मे
जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गये कार्य तथा शासन की इस संबंध मे गति व
उपेक्षा की जानकारी दी जायेगी 4). अगस्त माह से पुनः क्रामिक भूख हड़ताल
व अन्य आन्दोलन आरम्भ होंगे। 5). वर्तमान शासन के साढे तीन वर्ष के
कार्यकाल मे शासन प्रशासन द्वारा की गई घोषणाए चाहे वह धरातल पर पहुंची
हो या न पहुंची हो उनका स्वागत किया गया लेकिन या भी माना गया कि इनसे
समाप्त हो रहे चिरमिरी का भविष्य नही बच सकेगा इसके लिये निगम चिरमिरी मे
जिला मुख्यालय व अन्य शासकीय कार्यालय की स्थापना अतिआवश्यक है।

इस प्रेस वार्ता के द्वारा संघर्ष समिति चिरमिरी निम्न बाते सामने रख रही
है या निम्न मांगे चिरमिरी हित मे कर रही है। 1). शासन प्रशासन के साथ
विधायक, निगम चिरमिरी महापौर, निगम सभापति, निगम नेताप्रतिपक्ष तथा निगम
के सभी पार्षद व एल्डरमैन चिरमिरी की जनता को स्पष्ट रूप से बतलाये कि
चिरमिरी मे जिला मुख्यालय व शासकीय कार्यालयों के स्थापना के बारे उनके
प्रयास व विचार क्या है। 2). संघर्ष समिति चिरमिरी का निगम महापौर
, निगम सभापति, निगम नेता प्रतिपक्ष के साथ सभी पार्षदों व एल्डरमैन
से मांग है कि वो सर्वसम्मति से विशेष सभा बुलाकर निगम चिरमिरी
की स्वयं की जमीन पर नवीन जिला मुख्यालय के साथ कार्यालयों के निर्माण का
प्रस्ताव पारित करके शासन को भेजे व उनके प्रस्ताव की अनदेखी होने पर
चिरमिरी का अस्तित्व बचाने तथा चिरमिरी हित मे स्वेच्छा से अपने इस्तीफा
की पेशकश शासन के समक्ष करने पर भी विचार करें। 3). राज्य में शासक दल
अपने चुनावी घोषणा पत्र मे शामिल किये गये की नवीन जिला का मुख्यालय
चिरमिरी साजापहाड़ मनेन्द्रगढ़ मार्ग पर बनाया जायेगा संबंधी वादे को
पूरा करें। 4). चिरमिरी नागपुर मार्ग पर ट्रान्सपोर्ट नगर प्रतिक्षा बस
स्टैण्ड के सामने रिक्त पड़े पुराने आईटीआई भवन क कुछ समय के लिये
लायलीबुड बने भवन को चिरमिरी हित में जब तक खाली रखा जाये जब तक नवीन
जिला मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के मुख्यालय व कार्यालयों का स्थापना न
हो जाये क्योंकि संघर्ष समिति चिरमिरी के साथ स्थानीय नागरिकों ने नवीन
जिला का मुख्यालय व कार्यालय बनाने के लिये उक्त भवनों की सूची
मुख्यमंत्री व कोरिया प्रशासन व सचिव राजस्व एंव आपदा प्रबधन को सौंप रखी
है इसकी अनदेखी या उपेक्षा करने वाले विभाग या अधिकारी द्वारा करने पर इस
चिरमिरी के हितों या भविष्य पर साजिश या दुर्भावना के तहत की जाने वाल
चोट व कुठाराघात मानकर सक्षम मंत्रालय या न्यायालय के समक्ष जाने पर
विचार किया जायेगा। 5) पूरे चिरमिरी को आग प्रभावित होने तथा शासकीय जमीन
की कमी लेकर कुछ जनप्रतिनिधि व लोगों द्वारा मुख्यमंत्री व शासन
प्रशासन के समक्ष भ्रम न फैला कर वास्तविक स्थिति रखने का आग्रह
सभी से है। 6. वास्तव में निगम चिरमिरी व शासकीय जमीन जो लगभग 150 एकड़
होती है। जबकि जिला मुख्यालय व कार्यालयों के लिये पच्चीस एकड़ से अधिकतम
पचास एकड़ की जमीन की आवश्यकता जानकारों के अनुसार होती है। प्रत्यक्ष
रूप से उदाहरण के तौर पर कोरिया, सुरजपुर सरगुजा बलरामपुर रामानुजगंज के
जिला मुख्यालय व कार्यालयों को देखा जा सकता है। 7. इसी प्रकार चिरमिरी
मे रिक्त पड़े शासकीय भवनों के साथ बड़ी संख्या मे एसईसीएल के कार्यालय व
आवासीय कालोनियों के चलते निगम चिरमिरी मे जिला मुख्यालय व कार्यालय
बनाने से न तो नवीन भवन बनाना पड़ेगा और न ही अधिकारियों कर्मचारियों के
लिये शासने को आवासी कालोनी बनाने की आवश्यकता पड़ेगी।

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