अफ़ताब आलम
बलरामपुर/जनजाति गौरव समाज के तत्वाधान में कुसमी नगर पंचायत अंतर्गत माता राजमोहिनी देवी की जन्म जयंती के शुभ अवसर पर स्वच्छता वीरों का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से जनजाति गौरव समाज के प्रदेश सचिव राम लखन पैकरा एवं बलरामपुर जिले के अध्यक्ष रघुवीर भगत विशेष रूप से उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनजाति गौरव समाज के प्रदेश सचिव राम लखन पैकरा ने माता राजमोहिनी देवी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा समाज के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों को बताया उन्होंने बताया कि किस प्रकार माता राजमोहिनी देवी ने समाज के व्याप्त बुराइयों से लोगों को बचाने के लिए जन जागरण का कार्यक्रम भी चलाया। आगे राम लखन ने बताया की
राजमोहनी देवी गांधीवादी विचार धारा वाली एक समाज सेविका थी जिन्होंने बापू धर्म सभा आदिवासी मण्डल की स्थापना की। ये संस्था गोंडवाना स्थित आदिवासियों के हित के लिए कार्य करती है। वे स्वयं एक आदिवासी जाति गोंड में जन्मी थी।
१९५१ के अकाल के समय गांधीवादी विचारधाराओ व आदर्शों से प्रभावित होकर इन्होंने एक जन आंदोलन चलाया जिसे राजमोहनी आंदोलन के नाम से जाना जाता है। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी महिलाओं की स्वतन्त्रता व स्वायत्ता निश्चित करना था, साथ ही अंधविश्वास और मदिरा पान की समस्याओं का उन्मूलन था। धीरे धीरे इस आंदोलन से ८०००० से भी ज्यादा लोग जुड़ गए। बाद में ये आंदोलन एक अशाष्कीय संस्थान के रूप में सामने आया। इस संस्थान के आश्रम न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि उत्तर प्रदेश और बिहार में भी है।
सन १९८९ को भारत सरकार द्वारा इन्हे भारत के चतुर्थ सर्वोच्च नागरिक सम्मान “पद्म श्री” से सम्मानित किया गया। उनके जीवन पर डॉ.सीमा जिंदल जी द्वारा एक किताब की रचना की गयी है जिसका शीर्षक है “सामाजिक क्रांति की अग्रदूत राजमोहनी देवी” जिसका प्रकाशन छत्तीसगढ़ राज्य हिन्दी ग्रंथ अकादेमी द्वारा सन 2013 में किया गया।
पद्मश्री माता राजमोहिनी देवी के द्वारा समाज में व्याप्त बुराइयों को लेकर समाज एवंसनातन संस्कृति से विमुख हो चुके लोगों को वापस मुख्यधारा में जुड़ने के लिए उनके बीच जन जागरण के माध्यम से लगातार लोगों से संपर्क कर स्वरचित चौपाई के माध्यम से जोड़ने का प्रयास करती रही ।उनके द्वारा स्व रचित चौपाई *राम भजो भाई गोविंद भजो भाई राम के भजन से दुख मिट जाई* प्रमुख व स्वरचित चौपाई थी जिससे लोगों को जागृत करने का प्रयास जीवन पर्यंत करती रही।
उनके नाम पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालीत “राजमोहनी देवी कॉलेज ऑफ एग्रिकल्चर अँड रिसर्च स्टेशन” व “राजमोहनी देवी पीजी महिला महाविद्यालय” अंबिका पुर में स्थित है।
जनजाति गौरव समाज के द्वारा आयोजित सम्मान कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्वच्छता वीरों को श्रीफल छाता एवं फल देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को उमाशंकर जी आनंद जयसवाल जी दिलीप गुप्ता जी नेता प्रतिपक्ष सोमनाथ भगत जी के द्वारा भी संबोधित किया गया । कार्यक्रम का संचालन सहदेव भगत जी के द्वारा किया गया एवं आभार अतुल जयसवाल जी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में नगर पंचायत कुसमी के स्वच्छता वीर अध्यक्ष अनिता पैकरा जी नीमा जी पूनम जी बजारी जी प्रेमा जी लाल महेश जी विश्वनाथ जी अर्जुन जी देवलाल जी भोका जी कमलेश जी इंदर जी निर्मल जी सहित लगभग 35 से अधिक स्वच्छता वीर उपस्थित रहेl