प्रांतीय वॉच

संवाददाता की पहल पर पहुंची डॉक्टर दु:ख में दर्द – अपने शरीर के चिथड़े कराने 24 घंटे से अधिक समय तक चीरघर में पढा रहा बच्चे का शव…समय पर पीएम नहीं, परेशान हो रहे हैं गम में डूबे परिजन

( रोहित वर्मा )
खरोरा – दु:ख में और दर्द, यह किस्सा उन परिवारों का है, जो दुर्घटनाओं में अपनों को खो देते हैं और अपनों को खोने का दुःख और उसकेबेजान शरीर को लेकर इधर-उधर भटकने का ग़म परिजनों के लिए यह समय सबसे ज्यादा तकलीफ़ एवं पीड़ादायक होता है।
परिजनों को अपने मृत परिजन के शव के अंतिम संस्कार करने के लिए सरकारी डॉक्टर की ढूलमुल रवैया के चलते एक से दो दिनों तकका इंतजार करना पड़ रहा है। अव्यवस्था के चलते बनी यह स्थिति दु:खों का पहाड़ टूटने के बाद परिजनों को और ज्यादा दर्द देती है।कहने को तो खरोरा नगर में पोस्टमार्टम हाउस (चीरघर) बने हुवे हैं लेकिन वहां चिकित्सकों की मनमानी सहित अन्य व्यवस्थाओं काअभाव है। सरकारी अधिकारीयो एवं ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधियो के अनदेखी व मनमानीयो के चलते मृतकों के परिजनों की तकलीफ़े औरबढ़ा जा रही है। दुर्घटना सहित अन्य कारणों से हुई मौत के मामलों में शव को मुखाग्नि दो दिन बाद नसीब हो रही है। इसके पीछे एकनहीं कई कारण हैं।

खरोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए दिन मरीजों की परेशानी तो आम हो गई है, लेकिन अब मृतकों व उनके परिजनों को भीपरेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। हालात इतने खराब हैं कि सरकारी अस्पताल के जिम्मेदार डॉक्टर अपनी मनमर्जी परउतारू हैं। इसका एक नमूना सोमवार को देखने को मिला। अलग-अलग मामलों में मौत का शिकार हुए दो लोगों के शव पोस्टमार्टमकराने आये मृतकों के परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए लंबा इंतिज़ार करनी पढ़ रहा हैं। इसके चलते मरचूरी मे रखे शव से दुर्गंध आनीशुरू हो गई थी। क्योंकि इसमें एक बच्चे की मौत रविवार को पानी में डुबने से हुई थी तो वही दूसरा व्यक्ति सड़क दुर्घटना का शिकार होगया था।

नगर में चिकित्सकों की लापरवाही का असर अब अंतिम सफर में भी पड़ने लगा है। ऐसा ही मामला समिपस्थ ग्राम तिल्दाडीह मे 12 वर्षीय कामता पारधी के तालाब में नहाते वक्त डुबने से मौत हो गई। मानसिक रूप से कमजोर उक्त मृत बालक का पंचनाम कर पुलिसव्दारा 3 बजे के आसपास शव को खरोरा चीरघर मे रखवा गया। वही डॉक्टर नहीं होने की बात कहकर परिजनो को दुसरे दिन सुबहबुलाया गया। किंतु दुसरे दिन सुबह से सरपंच जीवन पारधी के साथ पहुँचे परिजनो दोपहर 2 बजे तक इंतिज़ार करना पढ़ा, इस दौरानपरिजन बार बार हास्पिटल और ताराघर का चक्कर लगाते दिखे। सिस्टम की इस बेकद्री से शव दुर्गंध देने लगा था। उसके आसपासखड़ा होना मुश्किल हो रहा था। सोमवार को परिजनो की शिकायत पर संवाददाता चीरघर पहुंचने जिन्होने खरोरा सीएससीप्रभारी डॉ देवधर से संपर्क किया तो उन्होने जानकारी नहीं होने की बात कहीं। वही जिला कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को संज्ञान में देने केआधे घंटे बाद स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ देवधर मैडम चीरघर पहुँची तब जाकर दोपहर 2 बजे पोस्टमार्टम हो पाया। बता दे की मृत बालककामता पारधी के परिजन झाड़ू टुकनी बनाते हैं। वे इतने सक्षम नहीं थे जो अपने बच्चे को एम्बुलेंस से रायपुर अथ्वा डीप फ्रीजर कीव्यवस्था कर पाते।

शव सुरक्षित रखने के इंतजाम नहीं
परिजन ने बताया कि नगर में शव को सुरक्षित रखने के कोई इंतजाम नहीं हैं। अस्पताल प्रबंधन भी शव को लावारिस छोड़ देते है। इसमामले में भी ऐसा ही दिखा। शव को सुरक्षित रखने के लिए बर्फ या डीप फ्रीजर की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसका असर यह हुआकि सोमवार की सुबह होते-होते शव सड़ांध मारने लगा। दोपहर 2 बजे के बाद डॉक्टर पहुंचे, तब कही पोस्टमार्टम हो पाया। इस दौरानदुर्गंध इतनी थी कि वहां खड़े होना मुश्किल था।

संवाददाता को साधुवाद
मृतक के परिजन सुक्रित पारधी, सुशील पारधी, प्रकाश पारधी, बहारू राम पारधी, कैलाश पारधी, बिसहत पारधी, कुमार यादव, सोनूयादव, मेहतरू राम वर्मा सहित सरपंच जीवन पारधी ने बताया की कल इस हृदय विदारक घटना की खबर लगते ही परिजनो सहित बड़ीसंख्या मे गाँव वाले घर पहुँचे हुवे हैं, जिन्हें अंतिम संस्कार के लिए बच्चे के शव का इंतिज़ार है। उन्होंने पोस्टमार्टम होने पर न}संवाददाता को नमः आंखों से साधुवाद दिया। उन्होने कहा कि आप उपस्थित होकर कही उच्च अधिकारियों को अवगत नहीं कराते तोशायद आज और इंतिज़ार करना पढ़ जाता।

चीरघर में बादली पानी का भी नहीं है व्यवस्था 
नगर के वार्ड 11 स्थित चीरघर में बिजली, पानी की कोई व्यवस्था नहीं हैं। चीरघर के बाजू नपं व्दारा शहीद स्मारक बनाया गया। वहॉ बोर करवाया गया है किंतु उसमे हैण्डपम्प अथ्वा ट्यूबवेल की कोई व्यवस्था नहीं की गई हैं। इस पर नपं अध्यक्ष अनिल सोनी से संपर्क करने पर उन्होंने बताया की साल भर पहले उनके अध्यक्ष निधि से वहॉ बोर करवाया गया है, किंतु सीएमओ, इंजीनियर को बोलने के बावजूद अब तक उसमें हैण्डपम्प या ट्यूबवेल नहीं डाला गया हैं। वही सीएमओ रविन्द्र शुक्ला व्दारा एक सप्ताह के अंदर वहॉ बिजली पानी की व्यवस्था करने की बात कही गई।

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“”सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ऐसी लापरवाही नही होनी चाहिए। कारणों की जानकारी ली जायेगी दुबारा ऐसी स्थिति निर्मित ना हो। अपनों के खोने का ग़म रहता है। परिजनों को ऐसी समस्या ना हो।
अनिता शर्मा क्षेत्रीय विधायक””

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“आपके माध्यम से संज्ञान में आया हैं तत्काल निर्देशित करता हूं।
सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे कलेक्टर जिला रायपुर””
फोटो-1- शव का पीएम करवाने पहुंचे परिजन
फोटो -2-चीरघर के आसपास पीने के लिए पानी तक का इंतजाम नहीं

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