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छत्तीसगढ़ के आयुर्वेदिक चिकित्सक अन्य राज्यों में भी दे सकेंगे सेवा

रायपुर । राज्य में आयुर्वेद चिकित्सा की पढ़ाई करने के बाद चिकित्सक देश के किसी भी राज्य में सेवा दे सकेंगे। छह वर्ष बाद भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित बीएएमएस (बैचलर आफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) व आयुर्वेदिक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों को मान्यता दे दी है।

बता दें अब तक राज्य के आयुर्वेद पाठ्यक्रम को एनसीआइएसएम की मान्यता नहीं मिलने की वजह से प्रदेश के आयुर्वेद चिकित्सकों का पंजीयन अन्य राज्यों में नहीं हो पा रहा था। इसकी वजह से ये चिकित्सक छत्तीसगढ़ के अलावा देश के किसी भी राज्य में न तो शासकीय सेवा नहीं दे सकते थे और न ही निजी प्रैक्टिस कर सकते थे।

इसलिए अब तक नहीं थी मान्यता

 

वर्ष-2016 तक छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय संचालित हो रहा था। इसके तहत आयुर्वेद पाठ्यक्रमों को मान्यता थी। 27 अप्रैल 2016 को राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय कर दिया। नियम के अनुसार नाम बदलने पर विश्वविद्यालय को मान्यता के लिए फिर से आवेदन करना होता है। लेकिन प्रक्रिया में काफी लेटलतीफी की गई।

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