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बिजली के तार ही काट ले गए चोर, किसानों की सुविधा के लिए लगवाए गए हैं पोल, अब तक 60 हजार के एल्यूमीनियम तार चोरी

भिलाई : पाटन में किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाने लगाए गए पोल से चोर तार काटकर ले गए। बार-बार हो रही चोरियों से परेशान किसान अपने खेतों को समय पर पानी तक नहीं दे पा रहे हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों ने पाटन थाने में शिकायत दर्ज कराई है। किसानों का आरोप है कि चोर बिजली की तार काट कर कबाड़ियों के पास खपा रहे हैं, लेकिन पुलिस जांच नहीं कर रही है।

पाटन क्षेत्र में मुख्यमंत्री के निर्देश पर हर खेत तक बिजली पहुंचाने का काम किया गया है। बिजली के पोल लगाकर कम दर पर कृषि कनेक्शन दिए गए हैं। पिछले दिनों कुछ लोगों ने बिजली के खंभों से एल्यूमीनियम के तार काटकर चोरी करना शुरू कर दिया है। इससे किसानों को कृषि कार्य में काफी परेशानी हो रही है और उनका कृषि कार्य पिछड़ रहा है। इस बात की शिकायत किसानों ने पाटन पुलिस से की थी, लेकिन उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया।

इसके बाद किसान छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के जामगांव टी वितरण कार्यालय जाकर वहां के कनिष्ठ यंत्री राजेश कुमार साहू के पास पहुंचे। साहू ने किसानों की समस्या को सुना और जायज बताया। इसके बाद वह खुद पाटन थाने पहुंचे और मामले की शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने शिकायत में बताया कि बरहामार खार क्षेत्र में कई किसानों के खेत में लगे बिजली पोल के एल्यूमीनियम तार को काटकर चोरी कर लिया गया है। चोर अब तक लगभग 61 हजार रुपए कीमत की तार को चोरी कर चुके हैं।

यहां-यहां विद्युत तार चोरी की शिकायत

30 अक्टूबर को गांव झीट के करण कुमार सोनकर और दो अन्य किसानों के खेत में लगे हजारों रुपए के एल्यूमीनियम तार चोरी कर ली गई। 9 नवंबर को ग्राम खुडमुड़ी के संतोष कुमार वर्मा और 5 किसानों ने शिकायत की है कि उनके आमापेन्ड्री बरहामार खार ट्रांसफार्मर के पास से कई मीटर तार चोरी कर ली गई है। आमापेन्ड्री के अन्य किसानों के यहां भी बिजली की तार चोरी की गई है।

पुलिस दे रही कबाड़ियों को क्लीन चिट

एक तरफ जहां किसानों का आरोप है कि पाटन क्षेत्र में तीन बड़े- बड़े कबाड़ी सक्रिय हैं और वहीं चोरी की तार खरीद रहे हैं। वहीं पुलिस इस आरोप को बिना जांच किए सिरे से नकार रही है। पाटन थाना प्रभारी शिवानंद तिवारी का कहना है कि उनके यहां केवल एक दिलबाग कबाड़ी है। वह केवल प्लास्टिक का पुराना सामान खरीदता है। उसकी दुकान चौक पर ही है। वह ऐसा नहीं कर सकता है। एक थाना प्रभारी का बिना जांच किए इस तरह किसी कबाड़ी का कैरेक्टर सर्टिफिकेट देना लोगों के गले नहीं उतर रहा है।

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