पुलस्त शर्मा/मैनपुर : मैनपुर क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल भाठीगढ़ मे विजय दशमी के अवसर पर सदियो से चली आ रही परंपरा और आदिवासी संस्कृति की मनमोहक छवि देव दशहरा के रूप मे देखने को मिली प्रमुख देव स्थल भाठीगढ़ मे क्षेत्रभर से पहुंचे देवी देवताओं व लोगो की उपस्थिति मे विशाल शोभा यात्रा निकाल, रैनी मार, गढ़ चढाई के साथ ऐतिहासिक देव दशहरा पर्व धूमधाम व परंपरा के अनुसार मनाया गया, क्षेत्रभर के देवी देवताओं के पहुंचने के बाद आपस मे मेल मुलाकात के पश्चात देवी देवताओं सहित श्रध्दालु रैनी मारने रैनी भाठा पहुंचे जहां देवी देवताओं ने अस्त्र शस्त्र के साथ गढ़ चढ़ाई की रश्म निभाते हुए दशहरा का पर्व गया, यह परंपरा सदियों पुराना चली आ रही है और लोग इस दशहरा पर्व मे शामिल होने देवी देवताओ से आशिर्वाद लेने बडी संख्या मे भाठीगढ़ पहुंचे थे, क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक व देवस्थल पैरी उद्गम भाठीगढ़ मे चार दिवसीय देव दशहरा पर्व पर क्षेत्र भर के 52 ग्रामो के लोग पहुंच, देवी देवताओ से क्षेत्र मे सुख शांति समृध्दि व खुशहाली की कामना किये। ज्ञात हो कि पैरी उद्गम स्थल भाठीगढ़ छत्तीसगढ़ के प्रमुख गढ़ के रूप मे विख्यात है और अपने धार्मिक आस्थाओं के लिये पूरे प्रदेश मे मशहूर है, यहां मनाये जाना वाला चार दिवसीय देव दशहरा अपने आप मे एक अनूठा धार्मिक आयोजन है जहां आदिवासी संस्कृति के अनुसार दशहरा पर शक्ति पूजा के रूप मे देवी देवताओ की पूजा कर सवारी निकाली गई ,भाठीगढ़ मे नवरात्र के नवमी से दशहरा पर्व प्रारंभ हो जाता है, विजय दशमी के दिन पहाड़ी पर स्थित क्षेत्र के प्रमुख देवी मां बम्हनीन माई ,मां दन्तेश्वरी माई के दरबार मे विशेष पूजा अर्चना के पश्चात् गाजे बाजे के साथ सभी देवी देवताओ की सवारी ग्राम प्रमुख हेमसिंग नेगी के घर पहुंची जहां राजा रजवाड़े जमाने के तलवार, खड़क, अस्त्र शस्त्र की पूजा अर्चना कर देवी देवताओं ने अस्त्र शस्त्र लेकर शक्ति के रूप मे नृत्य, शौर्य प्रदर्शन किये, देर शाम को राज भर के माता जिड़ारिन देवी की सवारी भारी भीड़ श्रध्दालुओं की रैली के साथ ध्वज लेकर ग्राम भाठीगढ़ की सीमा पर पहुंची जहां तलवार व लाठी कला का प्रदर्शन किया गया, ठीक इसी समय राज देवी बस्तरहीन, गादी माई गोपालपुर व रणमौली खांड़ा देवी देहारगुड़ा भी भाठीगढ़ डांग डोली गाजे बाजे के साथ पहुंची, क्षेत्र के सभी प्रमुख देवी देवताओ के भाठीगढ़ पहुंचने पर भाठीगढ़ के देवी देवताओं व श्रध्दालुओं द्वारा जोरदार स्वागत के पश्चात् मां बम्हनीन, मां दंतेश्वरी, मां काला कुंवर, मां गढ़वाली, मां भठीगढ़ीन, मां जिड़ारिन, मां बस्तरहीन, गादी मां , रणमौली खांड़ा देवी ,कचना धुर्वा देव व सभी प्रमुख देवी देवताओं के साथ 52 ग्रामो के लोगो की भीड़ तेज गति के साथ पूरे उत्साह से रैनी भांठा पहुंची और रैनी (सोनपत्ता) मारकर दशहरा पर्व मनाया गया। इस मौके पर प्रमुख रूप से हेमसिंग नेगी, प्रेमसाय जगत, नकछेड़ा राम धुर्वा, आशाराम यादव, खेदू नेेगी, पवन दिवान, गंगाराम, कंवलदास वैष्णव, थानू पटेल, भागीरथी ध्रुव, देवसिंग चक्रधारी, खेलन धुवा, सन्यासी पटेल, रामकृष्ण धु्रव, शेख हसन खान, रूपेश साहू, पुलस्त शर्मा, सुनील पटेल, भगवान सिंह ध्रुव, योगेश शर्मा, दिनेश सिन्हा, देवी सिंह, शोभा राम, सरपंच जिलेन्द्र नेगी, जनपद सदस्य डाकेश्वर नेगी, जन्मेजय नेताम, जगदेव यादव, तिजराम यादव, अकबर नागेश, विशेषर सिक्का, रमेश ठाकुर, मंगल यादव, चंद्र कुमार, दशरू जगत, सुंदर विश्वकर्मा, महेश कश्यप, गोवर्धन साहू, दीना राम पटेल, निहाल सिंह सहित 56 ग्रामों के लोग शामिल हूए ।
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भाठीगढ़ में देवी देवताओं ने रैनी मारकर किया देवदशहरा का आयोजन, देवी देवताओ से आशीर्वाद लेने उमड़ी श्रध्दालुओ की भीड़
