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सुकमा जिले के ढाई हजार से अधिक किसानों ने धान की खेती छोड़कर लघु धान्य और दलहन-तिलहन, फसल और फलदार पौधों लगाने की जताई सहमति

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बालकृष्ण मिश्रा/सुकमा : राजीव गांधी किसान न्याय योजना अन्तर्गत जिले के 2568 कृषकों ने 2272 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती छोड़कर कोदो-कुटकी, रागी जैसे लघु धान्य फसलों के साथ दलहन, तिलहन, मक्का की फसल लेने के साथ ही मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत् फलदार पौधे लगाने की सहमति जताई है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् राज्य के किसानों को विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करने का कार्य किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समितियों में धान विक्रय करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपए प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किया जा रहा था। धान के फसल में पानी के अत्यधिक खपत को देखते हुए कोदो-कुटकी, रागी आदि लघु धान्य फसलों के साथ दलहन, तिलहन की फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना का विस्तार किया गया है। इससे प्रभावित होकर सुकमा जिले के किसान भी अब कोदो-कुटकी, रागी आदि लघु धान्य फसलों के साथ दलहन, तिलहन की फसलों की खेती की ओर उन्मुख हो रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि जीवन शैली में आए बदलाव के कारण लोगों में तेजी से मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारी अब आम बात होने लगी है। मधुमेह के नियंत्रण में कोदो-कुटकी और रागी के सकारात्मक प्रभाव के कारण अब इसकी मांग भी लगातार बढ़ रही है। इन्हीं कारणों से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों को अधिक लाभ वाली फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि विभाग के उप संचालक श्री पीआर बघेल ने बताया कि 918 कृषकों का 1174 हेक्टेयर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कर कृषकों का आवेदन पंजीकृत करने करने लिए संबंधित क्षेत्र के लेम्पसों को प्रेषित किया गया गया है। कृषकों के द्वारा पिछले साल धान की खेती की गई थी, किन्तु किसान इस वर्ष धान के बदले सुगंधित धान, मक्का, कोदो-कुटकी, रागी, दलहन एवं तिलहन की फसल ले रहे हैं। इन किसानों को फसल बदलने पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपये इनपुट अनुदान प्राप्त होगा तथा धान के बदले वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को आगामी 3 वर्षों तक प्रति वर्ष 10 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान होगा। विभिन्न विभाग के माध्यम से समर्थन मूल्य पर उत्पादनों का क्रय करने की कवायद भी की जा रही है।

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