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झीरम घाटी हत्याकांड मामले में फिर सुनवाई बढ़ी, केंद्र सरकार के वकील ने मांगा समय

बिलासपुर : झीरम घाटी हत्याकांड में दरभा थाने में दर्ज FIR को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने 12 अगस्त के लिए सुनवाई बढ़ा दी है।आज हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से मौजूद सहायक सॉलीसीटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट से समय मांग लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मौजूद अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी जो इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से पैरवी करने वाले हैं वह सुप्रीम कोर्ट के किसी केस में व्यस्त है। इसलिए मामले की सुनवाई बढ़ा दी जाए।

केंद्र सरकार के वकील की ओर से एक बार फिर समय मांगे जाने का जितेंद्र मुदलियार के वकील संदीप दुबे ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि मामले पर लगातार बढ़ रही सुनवाई के कारण जितेंद्र मुदलियार को न्याय मिलने में देर हो रही है। आखिर में कोर्ट ने मामले को 12 अगस्त के लिए बढ़ा दिया। आज कोर्ट ने सुनवाई बढ़ाने के साथ ही कहा कि 12 तारीख के बाद अब मामले पर कोई भी अगली डेट नहीं दी जाएगी।जब केंद्र सरकार और जितेंद्र के वकील के बीच बहस चल रही थी तब राज्य सरकार की तरफ से मौजूद वकील मतीन सिद्दीकी ने सुनवाई बढ़ाने को लेकर उठाई गई मांग का विरोध नहीं किया।

झीरम कांड में दिवंगत कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने जून 2020 में दरभा थाने में FIR दर्ज कराई थी। उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 302 और 120 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था। जितेंद्र ने FIR में कहा है कि एनआइए ने इस घटना में राजनीतिक षड्यंत्र की जांच ही नहीं की है। उन्होंने झीरम मामले की जांच राज्य सरकार के अधीन जांच एजेंसी को सौंपने की मांग उठाई है। दरभा थाने में दर्ज इस रिपोर्ट को चुनौती देते हुए एनआइए ने अपनी विशेष अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। जिसके बाद इस फैसले के खिलाफ एनआइए ने हाईकोर्ट में आपराधिक अपील प्रस्तुत की है । इसमें कहा गया है कि एनआइए केंद्रीय स्तर की जांच एजेंसी है , जिसकी जांच हो चुकी है । ऐसे में राज्य शासन को अधिकार नहीं है कि फिर से उसी प्रकरण में अपराध दर्ज कराया जाए । वहीं इस एफआइआर मामले पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पिछले दिनों पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण की जांच पर रोक लगाई हुई है। इधर इस मामले में जितेंद्र मुदलियार ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है । इसमें बताया है कि झीरम हमला सामान्य नक्सली घटना नहीं है बल्कि इसे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अंजाम दिया गया है ।

क्या हुआ था झीरम में

25 मई 2013 को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था। इस हमले में तत्कालीन PCC चीफ नंदकुमार पटेल उनके बेटे दिनेश, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा सहित 25 से अधिक नेताओं और लोगों की हत्या की गई थी।

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