बिलासपुर ब्यूरो (कमलेश लवहात्रे ) | पदोन्नति मैं आरक्षण एवं स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी उत्कृष्ट विद्यालय में हो रहे आरक्षण विहीन भर्ती ,आदिवासी भाइयों के साथ हो रहे अन्याय अत्याचार व बस्तर में पांचवी छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर 19 जुलाई को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन ज्ञापन दिया गया | वक्ताओं ने कहा मान्यवर कांशीराम साहब के अनुसार अब हमने हुक्मरान बनने के लिए संघर्ष का रास्ता चुन लिए हैं। जिस दिन हमारे समाज के युवा अपने सम्मान और स्वाभिमान को समझ गए उस दिन हमें हुक्मरान बनने से कोई नहीं रोक सकता है। आज हम सड़कों पर भारत का संविधान में प्रदत्त अधिकारों को पाने के लिए धरना प्रदर्शन रैली घेराव करते दिखाई पड़ ही जाते हैं।हमारी आबादी अधिक है फिर भी लोकतंत्र में हम मांगते नजर आते हैं। हमारी आबादी अधिक है फिर भी हमारे लोगों पर ही अत्याचार की घटनाएं अधिक घटती है।हमारी आबादी अधिक है फिर भी हम एकता की ताकत को समझ नहीं पाते हैं। आज एक रेली हुक्मरान बनने लोगों के दिल में राजनीतिक जगह तलाशने के लिए था, तो दूसरा रैली अजा/अजजा वर्ग के शासकीय सेवा में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए सरकार से मांग को लेकर था। छत्तीसगढ़ प्रदेश के विधानसभा में आरक्षित जनप्रतिनिधि जिसको चाहें मुख्यमंत्री वही बनेगा।लेकिन मोहनदास गांधी की पार्टी हो या गोलवलकर की पार्टी हो दोनों ही पार्टियों में आरक्षित जनप्रतिनिधियों की मुंह अपने संवैधानिक अधिकार के लिए भी नहीं खुलती है। वे लोग इस भय में प्रतिनिधित्व करते रहते हैं कि क्या पता कब उनके स्थान पर कोई दूसरा मूक-बधिर को अवसर दे दिया जाएगा। यही स्वार्थी प्रवृत्ति के कारण आजाद भारत के 74 साल बाद भी आरक्षित समुदाय अपने अधिकारों के लिए हंगामा खड़ा करते नजर आते हैं | यकीनन जिस दिन हमारे युवाजन गांधी और गोलवलकर को छोड़कर आंबेडकर को अपना लिए बदलाव की बयार उसी दिन से बहेगी। फिर हुक्मरान भी हम ही होंगे और मांगने के बजाए देने वाले लोग भी हम ही होंगे।