प्रांतीय वॉच

प्राइवेट स्कूल संचालक कल्याण संघ जिला गरियांबन्द ने की मुख्यमंत्री से मांग

  • निजी विद्यालयों की वास्तविक समस्याओं से कराया अवगत

यामिनि चंद्राकर/छुरा: कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही प्रदेश के अशासकीय विद्यालय गंभीर संकट में है .इस पूरे दौर में लगभग पांच से सात सौ स्कूल बंद हो चुके हैं जिसके कारण प्रदेश के लगभग दो लाख विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हुई है ऐसे समय में प्राइवेट स्कूल संचालक कल्याण संघ जिला गरियांबन्द के संचालकों ने गरियांबन्द जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री माननीय श्री भूपेश बघेल जी को निजी विद्यालयों की वास्तविक समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराता और समाधान के उपायों सहित 9 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। जिसमें मुख्य रूप से बाते रखी गयी राज्य सरकार की प्रभावी नीतियों के कारण कोरोना का संक्रमण प्रदेश में अब काफी कम हो चुका है तथा प्रदेश में लगभग सब अनलॉक हो चुका है, अतः एक जुलाई से सभी विद्यालय ऑफलाइन प्रारंभ किया जाए। विगत सत्र 2020-21 में परिस्थितियाँ विपरीत होते हुए भी शिक्षा को रुकने नहीं दिया गया। इस सब के बावजूद मात्र 40 प्रतिशत पालको द्वारा ट्यूशन फीस जमा की गई। शेष पालक जिन्होंने शिक्षण शुल्क नहीं जमा किया है उनके लिए स्कूल शिक्षा विभाग प्रशासन से शुल्क जमा करने एक निवेदन पत्र जारी करने हेतु आग्रह किया गया। तथा सत्र 2020-21 की आर.टी.ई. की शुल्क प्रतिपूर्ति राशि जारी करने का आग्रह सहित बताया गया है कि 15 महीनो से स्कूल बसों का संचालन बंद है ,जब तक स्कूल बस प्रारंभ ना हो जाए तब तक सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ करने एवं बसों की पात्रता अवधि भी 12 वषों से 2 वर्ष आगे बढ़ाए जाने की मांग के साथ चूँकि स्कूलो का संचालन बन्द होने के कारण बसे भी नही चल रही उनसे मिलने वाली राशि की कल्पना भी नही की जा सकती इसके बाद भी किस्त पटाने बैंक एवं अन्य फाइनेंस कंपनियां लगातार दबाव बना रही है। स्कूल बसों को जब्त भी किया जा रहा है ऐसी स्थिति में स्कूल बसों की किश्त स्कूल खुल जाने तक स्थगित रखे जाने की मांग भी की गई है।गत वर्ष शिक्षा विभाग के आदेश के बाद बहुत से अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों ने बगैर टी.सी. के शासकीय विद्यालयों में प्रवेश लिया है। इस तरह से बहुत से विद्यार्थियों की फीस अशासकीय विद्यालयों को अभी तक को प्राप्त नहीं हुई है। ऐसे विद्यार्थीयों की फीस अशासकीय विद्यालयों को दिलवाई जाये या राज्य शासन इस शुल्क का भुगतान करे। प्रॉपटी टैक्स को भी माफ करने की मांग संचालको ने रखही है। निजी विद्यालयों का बिजली का बिल हॉस्पिटल की तरह आवासीय में परिवर्तित किया जाए एवं निजी विद्यालयों को सरकार द्वारा प्रदान जाने वाली निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें जिला मुख्यालय में पहुंचाकर देने की व्यवस्था की जाए। सभी संचालकों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुवे सौंपने संघ द्वारा निर्धारित पदाधिकारियों जिला सचिव पुष्कर गोस्वामी ,उपाध्यक्ष मकबूल खान , कार्यकारणी सदस्य लोवित रत्नाकर, इशाक बाघ, चित्रसेन सहित संघ के सयोजक सेमसन रोट पहुँचे।

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