किरीत ठक्कर/ गरियाबंद : विगत दिनों जिले के जिस खाद्य अधिकारी हुलेश कुमार डड़सेना के विरुद्ध थाना सीटी कोतवाली गरियाबंद में एक महिला की शिकायत पर आईपीसी की धारा 354 , 509 ख के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है , उसे पहले ही कार्य में लापरवाही हठधर्मिता स्वेच्छाचारिता संबंधी नोटिस जारी किया गया है। इतना ही नहीं, विगत वर्ष मई माह में कलेक्टर द्वारा इनके समस्त प्रशासनिक कार्यों का प्रभार इनसे लेकर भुवनेश्वर चेलक सहायक खाद्य अधिकारी को सौंप दिया गया था। कलेक्टर गरियाबंद द्वारा , सचिव छत्तीसगढ़ शासन , खाद्य विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर की ओर पत्र प्रेषित कर हुलेश कुमार डड़सेना खाद्य अधिकारी जिला गरियाबंद पर योग्य कार्यवाही की मांग की गई थी। इस पत्र में तत्कालीन कलेक्टर गरियाबंद द्वारा लेख किया गया था कि हुलेश कुमार डड़सेना खाद्य अधिकारी द्वारा आपातकालीन परिस्थितियों के बाद भी मुख्यालय में निवास नही करना हठधर्मिता ही नहीं अपितु छ.ग. शासन द्वारा जनहित में जारी अपील व निर्देश के विपरीत है। उनका यह कृत्य स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है। इस पत्र के माध्यम से हुलेश कुमार डड़सेना के अन्यत्र स्थानांतर का अनुरोध किया गया था।
जांच संस्थित करने प्रस्ताव
विगत वर्ष ही अक्टूबर माह में कलेक्टर गरियाबंद द्वारा खाद्य अधिकारी हुलेश कुमार डड़सेना के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित किया जाना आवश्यक माना गया और छह बिन्दुओ में इनके विरुद्ध आरोप तय करते हुये , संचालक , छत्तीसगढ़ शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उप संरक्षक , संचनालाय नवा रायपुर की ओर प्रस्ताव प्रेषित किया गया था।
इन पत्रों से जाहिर है कि जिला खाद्य अधिकारी डड़सेना कार्य में लापरवाही के साथ साथ एपेडेमिक एक्ट का भी उल्लंघन करते रहे है। पिछले वर्ष लॉक डाउन लगा था प्रदेश के विभिन्न जिलों की सीमायें सील की गई थी , तब भी ये मुख्यालय में ना रहकर रायपुर से आना जाना करते रहे , चेतावनी के बावजूद इन्होंने किसी की परवाह नहीं कि इसीलिए इन पर महामारी एक्ट के तहत भी कार्यवाही होनी चाहिये। जब राह चलते आम आदमी से मास्क नही पहनने पर जुर्माना अधिरोपित किया जाता है तो इस सरकारी अधिकारी को क्यों बक्सा जाये।