- छत्तीसगढ़ प्रगतिशील सतनामी समाज द्वारा बनाया गया चार मंजिला सतनाम धर्मशाला
- न्यूनतम दर पर ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था उपलब्ध
पुरूषोत्तम कैवर्त/ कसडोल । संत बाबा गुरू घासीदास के जन्मस्थली एवं तपोभूमि गिरौदपुरी धाम आने वाले दर्शनार्थियों को अब भटकना नहीं पड़ेगा क्योंकि छत्तीसगढ़ प्रगतिशील सतनामी समाज द्वारा निर्मित सतनाम धर्मशाला में ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था न्यूनतम दर पर उपलब्ध है। संत बाबा गुरू घांसीदास की जन्मस्थली एवं तपोभूमि गिरौदपुरी धाम में अब प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शनार्थी आते हैं । यहाँ पर आने वाले दर्शना – र्थियों को रात्रि विश्राम करने एवं खाने पीने की परेशा – नियों से गुजरना पड़ता था क्योंकि स्थानीय स्तर पर ठहरने एवं खाने पीने की अच्छी व्यवस्था नहीं थी । प्रगतिशील सतनामी समाज के पदाधिकारियों ने गिरौदपुरी धाम आने वाले दर्शनार्थियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यहाँ पर स्थानीय स्तर पर धर्म – शाला निर्माण करने का प्रस्ताव रखा इसके लिए भूमि की सहजता से उपलब्धता सुनिश्चित करने विचार किया गया । बैठक में उपस्थित समाज के पदाधिकारी सी एस साण्डे ने धर्मशाला निर्माण के लिए भूमि आसानी से ग्राम मड़वा एवं गिरौदपुरी के सरहद में उपलब्ध हो जाने की बात कही और समाज के लोगों द्वारा चंदा एकत्र कर भूमि खरीदी । उनके इस प्रस्ताव के बाद समाज के पदाधिकारियों द्वारा बिना किसी शासकीय अनुदान के ही समाज के लोगों के ही सहयोग से भवन निर्माण का निर्णय लिया गया । समाज के सभी पदाधिकारियों के भगीरथ प्रयास से समाज के ही दान दाताओं ने सतनाम धर्मशाला निर्माण के लिए स्वेच्छा से मुक्त हस्त दान दिया । दान दाताओं के सहयोग से आज सतनाम धर्मशाला का चार मंजिला भव्य मकान बनकर तैयार है जिसका लोकार्पण गत वर्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया । धर्मशाला का स्थानीय स्तर पर प्रबंधन कार्य देख रहे सी एस साण्डे ने बताया कि धर्मशाला निर्माण के लिए सतनामी समाज के अमीर से गरीब हर वर्ग के लोगों ने उत्साह पूर्वक दान किया । उन्होंने बताया कि इस भवन में डबल बेड की कुल 30 कमरे , 4 डारमेट्री , 2 हाल , 1 स्वागत कक्ष , 1 भोजन कक्ष तथा 1 रसोई कमरा है । उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रगतिशील सतनामी समाज द्वारा बनाए गए धर्मशाला के रख – रखाव एवं यहाँ पर तैनात कर्मचारियों के वेतन आदि के लिए ठहरने एवं भोजन आदि के लिए न्यूनतम दर निर्धारित किया गया है ।