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महारूद्रा अभिषेक, श्रीराम गीता- हवन सहस्त्रधारा अभिषेक और विशाल भण्डारे के साथ शिव महापुराण का समापन

महेन्द्र सिंह /नवापारा राजिम/रायपुर :  भगवान शिव का रूद्राभिषेक एक ऐसा अनुष्ठान है जिसमें मनुष्य ही नही तीनो लोक का कल्याण शामिल है इसलिये औघड़दानी भोलेनाथ का रूद्राभिषेक हमेशा सर्व मनोकामना की पूर्ति करने वाला होता है उक्त प्रवचन महा भगवताचार्य पं. अशोक तिवारी रामपुर राजनांदगांव वाने ने ग्राम सिवनी धुसेरा ंमें धर्मप्रेमी रमेश शुक्ला एंव श्रीमती विजयलक्ष्मी शुक्ला एव समस्त शुक्ला परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण के समापन के अवसर पर कहा रूद्राभिषेक में मुख्य सात्विक वस्तुये जिसमें प्रथम दूध का अर्पण इसका फल भोले शंकर हमे गृह शांति एंव लक्ष्मी प्राप्ति के रूप में देते है इसी तरह दही का अर्पण चल अचल सम्पत्ति का आर्शीवाद मिलता है घी का अर्पण और यश किर्ती और वंश वृद्धि के लिये सहायक होता है ,गंगाजल सौभग्य वृद्धि और समस्त पापो का नाश करने वाला होता है , श्सहद बुद्धि की वृद्धि और समस्त सुख सुविधा प्रदान करने का आर्शीवाद दिलाता है। श्रामगीता सदैव रहेगा- मर्यादा पुरूषोत्तम राम ने केवल एक बार अपनी प्रजा को धर्म कर्म कि बारे मे ंउपदेश दिया था वही राम गीमा कहलाता है इसमें उन्होने ने कहा शंकर जी देवो के देव है ौर इनकी पूजा समस्त दवो की पूजा कहलाती है और इनके भक्त मेरे प्रिय होतें है। तुलसी दास ने राम गीता के बारे में बहुत सुंदर वर्णन किया और कहा कि- एक बार रघुनाथ बोलाए। गुरू- द्विज पुरबासी सब आए। बैठे गुरू- मुनि अरू द्विज सज्जन। बोले बचन- भगत भवं भंजन। गौपूजन सहस्त्र धारा स्नान के साथ हवन पूर्णाहुति- कार्यक्रम के समापन के अवसर पर विधिवत हवन पूजन और पूर्णाहुति दी गई इसके बारे में बताते हुये पं. अशोक तिवारी ने कहा हवन एंव पूर्णाहुति से समस्त देवो का आव्हान किया जाता है इौर विदा किया जाता है जो बेहद मंगलकारी होती आसूरी शक्तियां नष्ट होती है और आज के तारीख में वैज्ञानिके ने सिद्ध कर दिया वातावरण और पर्यावरण की सुरक्षा में वायुमंडल को शुद्ध करने मंे हवन और यज्ञ का बहुत महत्व होता है।  सहस्त्र धारा स्नान कराने में देवेन्द्र शर्मा श्रीमती करूणा शर्मा , रूपेश पचौरी , श्रीमती सोनिया पचौरी , विनोद शुक्ला ,श्रीमती प्रीति शुक्ला , जवाहर शुक्ला , श्रीमती अन्नपूर्णा शुक्ला , मधुसूदपन शुक्ला , श्रीमती पूजा शुक्ला सहित अनेक भक्त जन शामिल रहे इसके बारे में बतातें हुये भगवताचार्य अशोक तिवारी ने कहा सहस्त्र धारा स्नान और गौमाता का पूजन हमें चर अचर जगत की सुरक्षा की प्रेरणा देता है गौमाता में तीनो देव ब्रम्हा , विष्णु ,महेश साक्षाता विराजमान रहते है गौमाता अपने आप में मनुष्य जीवन की कल्याण की प्रतीक है। गौ का दूध , गौमूत्र , गाय का गोबर बेहद अदभूत है इसमें अनेको बीमारियो को ठीक करनें की क्षमता है गौमाता मृत्यु को प्राप्त होने के बाद भी हल लोगो का कल्याण करके जाती है इनकी चमड़े और हड्डी भी मनुष्य जीवन के कई उत्पादो के रूप में प्रयाोग होता है।
विशाल भण्डारे का आयोजन- समस्त पूजन समाप्ति के पश्चात विशाल भण्डारे का आयाजन किया गया जिसमें सैकड़ो श्रद्धालु जनो जिसमें- सिवनी , धुसेरा , पलौद , सेजबहार सहित आसपास के भक्त जनो ने भोजन प्रसादी ग्रहण किया भोजन प्रसादी ग्रहण करने का कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा।।
फोटो न.-10 हवन पूजन में पूर्णाहुति के पश्चात सहस्त्र धारा स्नान एंव गौ पूजन करते श्रद्धालु जन।

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