- ओड़िशा की महिला रोगी को कई अस्पतालों ने इलाज से मना कर दिया था
- ढाई घंटे के ऑपरेशन में एक फेफड़े के सहारे रखी गई रोगी, अब पूरी तरह से स्वस्थ
- सीटीवीएस, रेडियोडायग्नोसिस, पैथोलॉजी, एनेस्थिसिया, पल्मोनरी के चिकित्सकों का योगदान
रायपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों की टीम ने कठिन आपरेशन के बाद ओड़िशा की एक महिला रोगी के फेफड़े से 15.5 सेंटीमीटर का ट्यूमर निकालने में सफलता प्राप्त की है। यह जेनेटिक ट्यूमर था जो दुर्लभतम होता है। महिला रोगी अब पूरी तरह से स्वस्थ है। 23 वर्षीय महिला रोगी ने दिसंबर 2020 में एम्स में उपचार के लिए संपर्क किया। महिला को पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत थी। फेफड़ा विशेषज्ञ डॉ. रंगनाथ, डॉ. दिबाकर साहू और आंकोलॉजिस्ट डॉ. यशवंत कश्यप ने जांच में पाया कि महिला को फेफड़े के निचले हिस्सा में एक विशेष प्रकार का दुर्लभ ट्यूमर स्लिरोजिंग न्यूमोक्टोमा (हैमेनग्योमा) है। रेडियोडायग्नोसिस विभागाध्यक्ष प्रो. नरेंद्र बोधे ने इसे दुर्लभ वस्कुलर ट्यूमर की श्रेणी में बताया। इस ट्यूमर की वजह से इस रोगी को देश के कई अस्पतालों में इलाज करने से मना कर दिया गया था। इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी का दायित्व सीटीवीएस विभाग के डॉ. क्लेन डेंटिस ने लिया। उन्होंने डॉ. नितिन के. कश्यप और डॉ. शिवा ठाकुर के साथ मिलकर दिसंबर में इस कठिन ऑपरेशन को किया। ढाई घंटे के इस ऑपरेशन में फेफड़े के ऊपरी और मध्य हिस्से को बचाकर रखा गया। इस दौरान एनेस्थेसिया विभाग के डॉ. मयंक कुमार ने एक ही फेफड़े पर वेंटीलेशन को सुनिश्चित किया। ऑपरेशन के 24 घंटे बाद तक रोगी को वेंटीलेटर पर रखा गया। 12 दिन बाद रोगी को डिस्चार्ज कर दिया गया। अब यह रोगी पूरी तरह से स्वस्थ है। रोगी ने उपचार करने वाले करने वाले सभी चिकित्सकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की है। डॉ. डेंटिस ने बताया कि इस प्रकार का ऑपरेशन कठिन होता है। इससे पूर्व 2019 में जापानी चिकित्सकों ने इसी प्रकार का एक ऑपरेशन किया था। पैथोलॉजी विभाग के डॉ. आशीष गुप्ता का कहना है कि इस प्रकार के ट्यूमर में दुर्लभ जेनेटिक म्यूटेशन होता है। निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने चिकित्सकों की टीम को इस कठिन सर्जरी के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के समन्वय से इस प्रकार का जटिल ऑपरेशन संभव हो पाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अन्य विभाग भी इस प्रकार के ऑपरेशन से प्रदेशवासियों को गंभीर बीमारियों से मुक्ति दिलाने में मदद करेंगे।