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खाट के सहारे ग्रामीण कराते है गर्भवती महिलाओं को नदी पार

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  • सिहार ग्राम के ग्रामीणो के लिये सिंहार नदी बनी मुसीबत, मूलभूत सुविधाओं के लिये होते है परेशान
  • ग्रामीणो ने किया सिहार नदी पर पुलिया निर्माण की मांग

पुलस्त शर्मा/ मैनपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी गांव को विकास की रफतार मे शामिल करने की राज्य शासन की मुहिम लगभग फेल साबित हो रही है आदिवासी इलाको मे गांव गरीब का विकास आज भी पन्नो के लेखाजोखा मे प्रगति के पथ पर है लेकिन हकीकत इलाको की यथास्थिति को देखने से स्पष्ट हो जाती है वहीं आदिवासी ग्रामीण लोग किसी प्रशासनीक चमत्कार के इंतजार मे प्रतिक्षारत अपने जीवन के हाल मे बदहाल भरी जिन्दगी जीने को मजबूर है। इसी तरह का मामला आदिवासी मुख्यालय मैनपुर से महज 10 कि.मी. दूर ग्राम पंचायत जिड़ार के आश्रित ग्राम सिंहार मे देखने को मिला जहां आज सोमवार को सुबह 11 बजे के आसपास एक गर्मवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो् परिजनो द्वारा 102 महतारी एक्सप्रेस को बुलाया गया। दुर्भाग्य की बात यह है कि ग्राम सिंहार तक पहुंचने के लिये उबड़ खाबड़ रास्ते व बीच मे पड़ने वाले सिंहार नदी को महतारी एक्सप्रेस पार नही कर पाया जिसके बाद ग्रामीणो ने खाट के सहारे सिंहार से 2 किमी दूर पैदल चलकर व सिहार नदी पार कर महतारी एक्सप्रेस तक पहुंचाया पश्चात गर्भवती महिला को उप स्वास्थ्य केन्द्र देहारगुड़ा लाया गया। सिहार के कुमारी बाई पति दुलेश्वर कमार उम्र 22 वर्ष को आज प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद ग्रामीणो ने पीड़िता की स्थिति को देखते खाट के सहारे उबड़ खाबड़ रास्तो को पार कर दो किमी दूर मार्ग तक पहुंचाया जिसके बाद महतारी एक्सप्रेस के माध्यम से उप स्वास्थ्य केन्द्र देहारगुड़ा लाया गया जहां मलिहा ने तुरंत बाद एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। ऐसा नही है कि यह पहला मामला हो यहां हर बार गर्भवती महिलाओं को खाट के सहारे व कमर तक पानी को पार कर मार्ग तक पहुंचाया जाता है जो गर्भवती महिलाओ के लिये मुसीबत से कम नही है। इसी समस्या को देखते यहां के ग्रामीण उपस्वास्थ्य केन्द्र खोलने की मांग लंबे समय से कर रहे है। ज्ञात हो कि ग्राम सिंहार की जनसंख्या 360 के आसपास है और यहां लगभग 60 से 70 कमार आदिवासी परिवार निवास करते है ये शासन के उन पिछड़े जनजातियों मंे गिने जाते है जिनके विकास के लिए शासन द्वारा नये नये योजना संचालित कर इन्हे विकास के मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश किया जा रहा है। लेकिन गरियाबंद जिला मुख्यालय के नजदीक होने के बावजूद भी यहां के ग्रामीणो को जो शासन की योजनाओ का लाभ मिलना चाहिए अब तक नही मिल पाया है। यहां के ग्रामीण पंच सुकलाल सोरी, रायसिंह नेताम, अमरू नेताम, अमरसिंह, यशवंत नेताम, अधन्ता राम, रायमोतिन बाई, परमिला सोरी ने बताया कि सिंहार नदी पर पुलिया और सड़क निर्माण की मांग हर वर्ष किया जाता है लेकिन हमारी मांग अबतक पूरी नही हो सकी है बरसात के दिनो में ग्रामीण मुख्यालय से कट जाते है जहां स्वास्थ्य सहित मूलभूत सुविधाओ की समस्या से गुजरना पड़ता है अगर पुलिया और पक्की सड़क बना दिया परेशान नही होना पड़ेगा।

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