किरीत ठक्कर/गरियाबंद : विगत दिनों जिले के प्रवास पर पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू से गुमास्ता एक्ट के नियमों का पालन व्यपारियों द्वारा नहीं किये जाने की शिकायत नगर के युवा हेमंत तीरपुड़े द्वारा की गई है। लिखित शिकायत पर प्रभारी मंत्री ने आश्वासन दिया था की नगर में शीघ्र गुमास्ता एक्ट का पालन करवाया जाएगा किंतु शिकायत के बाद आज दिवस तक किसी भी प्रकार की संतोष जनक कार्यवाही श्रम विभाग द्वारा नहीं की गई है। गुमास्ता एक्ट को लेकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी भी गंभीर नही है। सीएमओ गरियाबंद नगर पालिका संध्या वर्मा से इस संबंध में चर्चा करने पर वह व्यापारियों से बैठक के बाद गुमास्ता अधिनियम लागू करने की बात करती है । विदित हो कि गुमास्ता एक्ट के तहत व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत मजदूरों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी देने का प्रावधान है जिसे सभी व्यपारी जानते हैं इसके बाद भी इस नियम का पालन करना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। जिले के अन्य नगरों जैसे राजिम फिंगेश्वर छुरा के व्यापारियों द्वारा गुमास्ता एक्ट का पालन किया जा रहा है। इन नगरों के व्यापारी सप्ताह में एक दिन अपने प्रतिष्ठान बंद रखते हुये कार्यरत श्रमिकों को एक दिन का साप्ताहिक अवकाश देते हैं। किंतु गरियाबंद जिला मुख्यालय होने के बावजूद यहाँ के व्यापारी गुमास्ता एक्ट का पालन करते नजर नहीं आते। जिले के श्रम पदाधिकारी डीएन पात्र से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि गरियाबंद के व्यपारियों को समझाइस दी गई है , आने वाले रविवार से दुकानें बंद कर श्रमिकों को एक दिन कि छुट्टी देने की बात कही गई है , यदि ऐसा नहीं हुआ तो श्रम विभाग द्वारा आगामी दिवसों में चालानी कार्यवाही की जायेगी। किन्तु इस मामले में नगर पालिका अधिकारी तो अभी भी व्यपारियों से बैठक कर उनकी सहमति लेने के बाद दुकानें बंद करने की बात कह रही है । जबकि श्रम अधिकारी का कहना है कि नगर पालिका गुमास्ता एक्ट पालन कराने सक्षम है , देखा जाए तो पालिका अधिकारी मजदूरों के हित में अब तक गुमास्ता नियमों का पालन कराने में असक्षम दिखाई दे रही है , और बैठक की बात कह कर मजदूरों का हक छिन रही है । शिकायत कर्ता हेमंत तिरपुड़े का कहना है कि आगामी दिवस तक गुमास्ता एक्ट का पालन मजदूरों के हित में नहीं हुआ तो कमिश्नर से मिल कर उन्हें मामले से अवगत कराया जाएगा।
ये है मजबूरी
नगर की दुकानों में कार्यरत एक दो श्रमिकों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि नगर के आस पास के कम पढ़े लिखे गरीब तबके के युवकों तथा युवतियों को बेहद मामूली तनख्वाह में 10 से 11 घंटे काम कराया जाता है , इसके बावजूद साप्ताहिक अवकाश भी नहीं दिया जाता। नियमानुसार अधिकांश कपड़े तथा अन्य दुकानों में कार्यरत महिला श्रमिकों को अंधेरा होने के पूर्व शाम ढले छुट्टी दे दी जानी चाहिए पर ऐसा नही किया जाता , देर रात तक महिला श्रमिक दूकानों में काम करती नजर आती है।
श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ शासन की अधिसूचना
कार्यालय श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ शासन रायपुर द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार अधिसूचित नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मचारियों तथा शासकीय दैनिक वेतन भोगी एवं कर्मचारियों के लिए दैनिक वेतन की दरें , सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के लिए अनुसूची ख एवं ग के अनुसार निर्धारित की गई है। इस अधिसूचित सूची में किसी दूकान वाणिज्यिक संस्थान आवासीय होटल रेस्टोरेंट नाट्यगृह में नियोजित श्रमिक भी आते हैं।