- दो साल पहले खाद्ध्य मामले मे कर्मचारी का हुआ था शीघ्र निलंबन
गंडई पन्डरिया : नगर पंचायत गंडई मे फर्जी डीजल बिल का मामला आज पर्यंत नहीं सुलझ पाया है इस कारण कार्यालय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी के कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगने लगा है। इससे साफ जाहिर होता है अधिकारी अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे है अन्यथा दोषी कर्मचारियो को संरक्षण दे रहे है इसके चलते दोषियो के खिलाफ कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हो पा रही है। जबकि दो साल पहले ऐसे हि एक चतुर्थ कर्मचारी द्वारा खाद्ध्य घोटाले के मामले मे तत्कालीन सीएमओ ने शीघ्र ही कर्मचारी को निलंबित कर दिये थे लेकिन फर्जी डीजल बिल मामले मे कोई कार्यवाही नहीं होने से कांग्रेसी पार्षदो मे आक्रोश छाया हुआ है। उल्लेखनीय है कि फर्जी डीजल बिल मामले को लेकर लगातार समाचार पत्र मे खबर प्रकाशित हो रही है बावजूद इसके नगर पंचायत के अधिकारी द्वारा कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं कि जा रही है। जबकि इस मामले को लगभग माह भर होने जा रहे है हमेशा अधिकारी द्वारा मामले कि जानकारी ली जाती है तो दो टुक जवाब दिया जाता है कि मामले का प्रतिवेदन पीआईसी कि बैठक मे रखा जाएगा और दोषी कर्मचारियो के खिलाफ उचित कार्यवाही कि जाएगी इस मामले मे लिप्त चतुर्थ ग्रेड कर्मचारी दयालु साहू व इंजिनियर के खिलाफ कोई कार्यवाही ही नहीं हो रही है इसके चलते इनके हौसले बुलंद हो गए है जबकि चतुर्थ ग्रेड कर्मचारी को शीघ्र ही निलंबित करने का अधिकार सीएमओ को है। कार्यवाही नहीं होना इस बात को साबित करता है कि अधिकारी ही दोषी कर्मचारियो को संरक्षण दे रहे है।
खाद्य घोटाले मे हुई थी कार्यवाही
प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही एक मामला दो साल पहले सामने आया था जिसमे चतुर्थ ग्रेड कर्मचारी शत्रुहन मारकंडे खाद्य प्रभारी द्वारा मृत व्यक्तियों के नाम पर राशन आहरण किए जाने के मामले मे तत्कालीन सीएमओ विकास नारायण सिंह ने अपने अधिकार का उपयोग करते हुये दोषी कर्मचारी को तुरंत निलंबित कर दिये थे उस समय पीआईसी मे प्रतिवेदन नहीं रखा गया था लेकिन फर्जी डीजल बिल मामले मे पीआईसी कि बात कही जा रही है जो समझ से परे है ।
जिला कलेक्टर टी के वर्मा का कहना है कि अधिकारी को अपने अधिकार का नियमानुसार प्रयोग करना चाहिए इस संबंध में सी एम ओ से पूछता हूँ।