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डॉ. सर्वपल्ली बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे – जे.के.खाखा

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* केंद्रीय विद्यालय चिरमिरी में कोविड-19 के बीच शिक्षक दिवस मनाया गया | 

(चिरमिरी ब्यूरो) भरत मिश्रा | भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए पुरे भारत वर्ष में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। ‘गुरु’ का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय विद्यालय चिरमिरी में वैश्विक महामारी कोरोना के बीच सामजिक दुरी को ध्यान में रखते हुए शिक्षक दिवस सादगी के साथ मनाया गया | कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के प्राचार्य जे.के खाखा द्वारा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया | समारोह में विद्यालय के प्राचार्य जे.के.खाखा ने अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम शिक्षक दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा की आज हमारे शिक्षक विभिन्न विषम परिस्थितियों में भी अपनी सेवा दे रहे है, साथ ही उन्होंने कहा की एक राजा का सम्मान केवल पहले राज्य में होता है लेकिन विद्वान की प्रतिष्ठा सर्वत्र होती है| प्राचार्य ने कहा की डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे उनके विचारो की प्रसंगिता हर समाज के लिए आज भी प्रासंगिक है, कल भी था और कल भी रहेगा | पीजीटी अंग्रेजी मनोज परदेशी ने अपने अपने उद्बोधन में कहा की डॉ. राधाकृष्णन को सारा देश याद कर रहा है। पूरे विश्व में उन्होंने अपने काम विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में अलग छाप छोड़ी है, लिहाजा हमें भी चाहिए कि उनके बताए गए मार्ग पर चलें। प्रधानपाठक शरद साहू ने कहा कि, आज विद्यार्थियों के भौतिक रूप से उपस्थिति के बिना नए तरीके से शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है उन्होंने कहा डॉ. राधाकृष्णन की विचारधारा आज भी जीवित है। हिंदी शिक्षिका डॉ विनीता पाण्डेय ने कहा कि एक सफल शिक्षक सदैव एक अच्छा विद्यार्थी होता है। हमें अपने अंदर के विद्यार्थी को जीवित रखने के लिए सदैव अध्ययनशील रहना चाहिए। वर्तमान समय चुनौतियों से भरा हुआ है अतः हम शिक्षकों की भूमिका और बढ़ जाती है | संस्कृत शिक्षक राजित जैन ने अपने उद्बोधन में कहा की शिक्षक का सबसे बड़ा गुण है उसका करुणावान होना तथा एक अच्छा शिष्य वह है जो स्वयं शिक्षा ग्रहण करना चाहता हो। मैं शिक्षक के रूप में विद्यार्थी रहना चाहता हूँ। जब मैं पढ़ा रहा होता हूँ तो वास्तव में मैं पढ़ रहा होता हूँ। जितना मैं पढ़ता हूँ उतना ही मैं बढ़ता हूँ। गणित शिक्षक गौरव पांडेय ने समारोह में मधुर संगीत की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। समारोह में मंच संचालन मनोज परदेशी एवं आभार प्रदर्शन शरद साहू के द्वारा किया गया | उक्त समारोह में वरिष्ठ शिक्षक संतोष कुमार, प्रवेश कुमार, भजन लाल, महेश कुमार बेदरे,श्रीमती स्वाति सिंह, सुश्री भुनेश्वरी नागवंशी समेत विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं स्टाफ उपस्थित रहे |

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