रायपुर: छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्रों में अब कोई भी व्यक्ति सरकारी जमीन की सीधी खरीदी नहीं कर पाएगा। राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इस संबंध मेंं नए निर्देश जारी किए हैं। यह बदलाव करने के लिए सरकार ने 11 सितंबर 2019 को जारी निर्देश की कंडिका को विलोपित कर दिया है। राज्य सरकार ने नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के लिए राजस्व विभाग के अंतर्गत नई नीति बनाई है। शासन ने नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के लिए पात्र हितग्राहियों को भूमि स्वामी अधिकार देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
राज्य सरकार की नगरीय क्षेेत्रों में अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के लिए पात्र हितग्राहियों को भूमि स्वामी अधिकार देने के संबंध में ये व्यवस्था रखी गई थी कि कोई भी व्यक्ति अगर किसी शासकीय जमीन को खरीदना चाहता है, तो वह निर्धारित शासकीय मूल्य का 100 प्रतिशत अदा कर जमीन ले सकता है। इस व्यवस्था में यह प्रावधान भी रखा गया था कि अगर एक जमीन के लिए दो से अधिक दावेदार हैं, तो जमीन की नीलामी की जाएगी। अधिक बोली लगाने वाले को वह जमीन मिलेगी।
नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित शासकीय नजूल भूमि के व्यवस्थापन के अंतर्गत भू-स्वामी हक प्राप्त करने के लिए भूमि व्यवस्थापन के समय प्रचलित गाइडलाइन दर के 150 प्रतिशत प्रीमियम राशि और दो प्रतिशत फ्री होल्ड राशि मिलाकर 152 प्रतिशत राशि प्रचलित गाइडलाइन दर पर शासन को भुगतान करना होता है। इसके साथ ही भू-भाटक प्रीमियम का 0.3 प्रतिशत राशि जमा करना होता है। योजना के तहत नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्गफीट तक भूमि के लिए भू-स्वामी हक प्राप्त किया जा सकता है। 7500 वर्गफीट भूमि के व्यवस्थापन के अधिकार जिला कलेक्टरों को दिए गए हैं। इससे अधिक भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार राज्य शासन को है।
राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, शासकीय भूमि के आवंटन एवं वार्षिक भू-भाटक के निर्धारण, वसूली प्रक्रिया जारी निर्देश दिनांक 11 सितंबर 2019 की कंडिका 5 की उप कंडिका 5.3 को विलोपित कर दिया है। अब नए नियम के मुताबिक छत्तीसगढ़ राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड क्रमांक 1 की कंडिका 13(दो) में वर्णित स्थितियों के अतिरिक्त अन्य प्रकार के भूखड़ों के आवंटन के लिए प्राप्त आवेदनों में राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 4 के क्रमांक 1 की कंडिका 21 के प्रावधानों के अनुरूप नीलामी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
इस नियम का सीधा मतलब ये है कि अब पहले एक व्यक्ति अगर किसी जमीन के लिए आवेदन करता उसे जमीन दी जा सकती थी। एक ही जमीन के लिए दो या अधिक आवेदन होने पर जमीन की नीलामी की जाती थी, लेकिन नियम में बदलाव के बाद अब अगर एक जमीन के लिए एक ही आवेदन है, तो भी उस जमीन की नीलामी की जाएगी। नीलामी की पूरी प्रक्रिया का पालन करना होगा।