राजनांदगांव ।शहर मे हलष्ठी पर्व के लिए पहसर चांवल सहित पूजन सामाग्री का बाजार सजा हुआ है । महिलाओ ने आज खरीदारी करने बाजार पहुंचकर पूजन व अन्य सामाग्री की खरीददारी की। पडित दिवाकर बाजपेयी ने बताया कि हलष्ठी का पर्व अपने आप में बडा महत्व है।आज 9 अगस्त रविवार को मातांए निर्जला व्रत रखकर अपने संतान की सुख समृध्दि और लम्बी उम्र की कामना करेगी ।
राजनांदगांव शहर के जयस्तंभ चौक ,गोलबाजार, जुनी हटरी सहित विभिन्न मोहल्लो के अलग अलग बाजारो मे चुकिया, पसहर चावल, पूजन सामग्री की दुकानें सजाई गई हैं। व्रत करने वाली माताएं पूजन के लिए खरीदारी करते दिखी। पौराणिक कथा के अनुसार हलष्ठी का व्रत संतान की रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस व्रत को प्रत्येक माता करती है। पहसर चांवल का दुकान सजाए एक दुकानदार सुरेश साहू ने बताया कि 50 रुपए पाव के दर से पसहर चावल बेच रहे है ।वहीं चुकिया 30 रुपए दर्जन मिल रही है। साथ ही दोना पत्तल महुआ चना लाई की ब्रिक्री की जा रही है ।यह समान बेचने वाली महिला रामवती ने बताया कि कोरोना काल के चलते बाजार मे गाहको की कमी है।पर्व को लेकर बाजार में पसहर चावल की मांग है। दुकानों में पसहर चावल की डिमांड बढी है। इसके अलावा गली मोहल्ले में ठेले में पसहर चावल बेचने के लिए आ रहे हैं। साथ ही दोना व पत्तल की खरीदारी की जा रही है। व्रती महिलाओं का कहना हैकि हलष्ठी का पर्व माताए संतान की सुख समृद्धि एव लम्बी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती है । इस मौके पर व्रती महिलाए सगरी बनाकर विधि विधान से पूजा अर्चना करती है ।इस दिन बिना हल चले धरती का अन्न और सब्जी, भाजी खाने का विशेष महत्व है। इस दिन गाय का दूध व दही का सेवन वर्जित माना गया है ।
आज हलष्ठी पर्व पर माताए करेगी संतान की सुख समृध्दि और दीर्घायु के लिए कामना
