बिना रुके 19 घंटे में पैदल तय किया 105 किलोमीटर का सफर
खरसिया। पवित्र सावन महीना प्रारंभ हो चुका है शिवालयों में हर-हर महादेव के नारे गूंजने लगे हैं गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जा रहा है। इसके साथ ही केसरिया कपड़े पहने शिवभक्तों के जत्थे गंगा का पवित्र जल शिवलिंग पर चढ़ाने निकल पड़े हैं। ये जत्थे जिन्हें हम कावड़ियों के नाम से जानते हैं उत्तर भारत में सावन का महीना शुरू होते ही सड़कों पर दिखाई देने लगते हैं। नगर के होनहार युवक मनीष गर्ग ने आज दूसरी बार चढ़ाई डाक कांवड़ इसके पूर्व 2019 में भी चढ़ा चुके है डाक कांवड़। 31 जुलाई को दोपहर 3:15 बजे के लगभग सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर खरसिया के मनीष गर्ग 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए बिना रुके 01 अगस्त को बाबा बैजनाथ धाम पहुँचकर सुबह 10 बजे के लगभग अपनी डाक कांवड़ से लाये गंगाजल को शिवलिंग पर अर्पित कर अपने परिवार और नगरवासियों की खुशहाली के लिए भोलेबाबा से प्रार्थना की और इसी तरह इस बार भी लगभग 19 घंटे में डाक कावड़ चढ़ाई। आपको बता दे कि इसके पूर्व भी मनीष गर्ग के द्वारा 2019 में मात्र 17 घंटे में डाक कांवड़ चढ़ाई थी उसके बाद कोरोना काल की वजह से सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था।
पिछले दो दशकों से कावड़ यात्रा की लोकप्रियता बढ़ी है और अब समाज का उच्च एवं शिक्षित वर्ग भी कावड यात्रा में शामिल होने लगा है।
बाबा बैजनाथ की यह पैदल कांवर यात्रा ऐसी आलौकिक यात्रा है कि जो बाबा को निस्वार्थ भाव से कावड़ चढ़ाता है उसकी सभी मनोरथ बाबा पूर्ण करते हैं एवं उसके पश्चात उनके मन में जो अनुभूति होती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मनीष गर्ग ने सभी से निवेदन करते हुए कहाँ है अपने जीवन में एक बार बाबा बैजनाथ एवं बाबा बासुकीनाथ की कावड़ अवश्य चढ़ाएं।