Assembly session:विधानसभा में कानून व्यवस्था पर गरमाया माहौल, स्थगन प्रस्ताव पर विपक्ष-सत्तापक्ष में तीखी बहस
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस का आत्मबल गिरा हुआ है और कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने भी स्थगन प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाने में असमर्थ है, ऐसे में इस पर चर्चा होना जरूरी है।
उत्तरी जांगड़े के बयान पर सस्पेंस
उमेश पटेल ने विधायक उत्तरी जांगड़े के विवादित बयान को “स्लिप ऑफ टंग” बताया और उनका बचाव किया। उन्होंने एफआईआर दर्ज होने पर भी आपत्ति जताई। पटेल के इस बयान पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और तीखी प्रतिक्रिया दी।
सदन में हंगामा
स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में हंगामा शुरू हो गया। पक्ष और विपक्ष के विधायक अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे और नारेबाजी करते हुए आमने-सामने आ गए। इस दौरान सत्ता पक्ष ने कानून व्यवस्था पर विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए स्थिति को नियंत्रण में बताया।
विपक्ष का आरोप
विपक्ष ने कहा कि राज्य में पुलिस प्रशासन कमजोर हो गया है और कानून व्यवस्था को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। उमेश पटेल ने कहा कि पुलिस को स्वतंत्र रूप से काम करने का माहौल नहीं मिल रहा, जिसके चलते स्थिति बिगड़ती जा रही है।
सत्ता पक्ष का पलटवार
सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्ष कानून व्यवस्था के नाम पर अनावश्यक राजनीति कर रहा है। विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ठीक है और विपक्ष केवल मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहा है।
नतीजा
हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई। स्थगन प्रस्ताव को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई, और चर्चा की मांग अधूरी रह गई। हालांकि, विपक्ष ने इसे लेकर आगे भी आवाज उठाने का संकल्प लिया।