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कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार की असुर प्रवृत्ति ने नगर में निर्माणाधीन जल आवर्धन योजना का बेड़ा गर्ग कर दिया है

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(खैरागढ़ ब्यूरो ) अनिला सिंह | . कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार की असुर प्रवृत्ति ने नगर में निर्माणाधीन जल आवर्धन योजना का बेड़ा गर्ग कर दिया है. सिस्टम ऐसा बन गया है कि शिकायतों के बाद भी योजना में मनमानी का सिलसिला नहीं थम रहा है. 5 दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने विधानसभा में मामले में अनियमितता को लेकर प्रश्र उठाया था वहीं कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने भी नपा उपाध्यक्ष व भाजपा पार्षदों की शिकायत के बाद योजना में वाजिब जांच के लिये दल गठित किया है लेकिन योजना की मनमानी है कि थमती ही नहीं. ताजा मामले में पाईप बिछाने के बाद अब निर्माण कार्य में उपयोग किये जाने वाले मटेरियल में घालमेल व गड़बड़ी की जा रही है वहीं 31 करोड़ 35 लाख 65 हजार रूपये की इस महत्वाकांक्षी योजना में सुरक्षा के सारे इंतजामों को रूपये बचाने के लिये ताक पर रख दिया गया है जिसे लेकर बुधवार को टिकरापारा के रहवासियों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. वार्डवासियों के साथ वार्ड पार्षद शेष यादव ने ठेकेदार के गुर्गों को जमकर फटकार लगाई. रोड किनारे दो दिनों से गड्ढे खोदकर खुला छोड़ दिया गया है जिससे आवागमन में नागरिकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही सुरक्षा के अभाव में यहां दुर्घटना की भी स्थिति बनी हुई है. सुरक्षा के इंतजाम तो ताक पर ही है रूपये बचाने की ललक ने मनमानी को लगातार बढ़ावा दे रखा है और अब योजना के आगे निर्माण कार्य के लिये लायी जा रही खनिज सामग्रियां भी गुणवत्ताहीन उपयोग में लायी जा रही है जिसे लेकर भी टिकरापारा में विरोध दर्ज किया गया है. पाठकों को बता दे कि जल आवर्धन योजना के तहत बड़े पैमाने पर रेत की खेप नगर में पहुंचाई गई है जो दोयम दर्जे की और गुणवत्ताहीन है. इधर शिकायत के बाद चालाक निर्माणकर्ताओं ने गुणवत्ताहीन रेत के ऊपर ही कुछ बेहतर क्वालिटी की नई रेत को डलवा दिया है. इन परिस्थितियों में समझा जा सकता है कि किस कदर योजना में मनमानी की जा रही है और संगीत नगरी खैरागढ़ की प्यास बुझाने वाली इस योजना से पहले ठेकेदार, नेता और अधिकारी अपनी प्यास बुझाने में लगे हुये हैं.

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