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शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया शुरू — 7 नवंबर तक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश जारी

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दुर्ग । शिक्षा विभाग ने दुर्ग संभाग के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। यह पदोन्नति शिक्षक / प्रधान पाठक, प्राथमिक शाला (ई/टी संवर्ग) से प्रधान पाठक, पूर्व माध्यमिक शाला (ई/टी संवर्ग) के पद पर की जानी है।

आदेश के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 तक की अंतिम वरिष्ठता सूची को आधार मानते हुए पात्र शिक्षकों के प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्धारित प्रपत्र में 7 नवंबर 2025 तक प्रस्ताव प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है। प्रस्ताव स्थापना कक्ष प्रभारी लिपिक के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के स्थापना कक्ष में जमा किए जाएंगे।

पदोन्नति हेतु निर्देश और पात्रता शर्तें:
विभाग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि पदोन्नति प्रक्रिया पारदर्शी और नियमसम्मत रहे। निर्देशों के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं –

  1. प्रस्ताव संभागीय वरिष्ठता सूची दिनांक 01.04.2024 के क्रम में तैयार किए जाएं।

    1. केवल वे ही शिक्षक प्रस्ताव में सम्मिलित हों जो स्नातक/स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षित (बी.एड./डी.एड./डीएलएड) योग्यता रखते हों।

    2. गोपनीय चरित्रावली (2020-2024) एवं अचल संपत्ति विवरण (2019-2023) का उल्लेख आवश्यक है।

    3. सभी शिक्षकों के पांच वर्षों की गोपनीय चरित्रावली और संपत्ति विवरण कार्यालय में सुरक्षित रखे जाएं।

    4. दिव्यांग शिक्षकों के लिए दिव्यांगता का प्रकार और प्रतिशत स्पष्ट रूप से अंकित किया जाए।

    5. ई एवं टी संवर्ग के पदोन्नति प्रस्ताव अलग-अलग तैयार कर प्रस्तुत किए जाएं।

    6. जिन शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय जांच या न्यायालयीन प्रकरण लंबित हैं, उनकी जानकारी प्रस्ताव में स्पष्ट दी जाए।

    7. ऐसे शिक्षक जो पहले से ही प्रधान पाठक, पूर्व माध्यमिक शाला पद पर पदोन्नत होकर कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं, उन्हें प्रस्ताव में शामिल नहीं किया जाएगा।

    8. यदि किसी शिक्षक का स्थानांतरण हुआ है, तो संबंधित विवरण रिमार्क कॉलम में दर्ज किया जाए।

    इसके अतिरिक्त, प्रत्येक जिला शिक्षा अधिकारी को यह प्रमाण पत्र देना होगा कि प्रस्ताव में शामिल शिक्षकों के गोपनीय दस्तावेज कार्यालय में सुरक्षित हैं और आवश्यकता पड़ने पर प्रस्तुत किए जाएंगे।

    प्रशासनिक उद्देश्य और पारदर्शिता पर जोर:

    विभाग का उद्देश्य पदोन्नति प्रक्रिया को सुचारू, समयबद्ध और पारदर्शी बनाना है। लंबे समय से लंबित पदोन्नति प्रस्तावों के निस्तारण से शिक्षकों में संतोष और कार्यकुशलता बढ़ेगी।शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि यह पहल न केवल शिक्षकों के कैरियर विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि शैक्षणिक गुणवत्ता में भी सुधार लाएगी।

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