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“शासन के सहायता से पुनः दिव्यांगों को मिल सकेगा ऋण लोकेश कावड़िया, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम”

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श्री लोकेश कावड़िया, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम द्वारा पदभार ग्रहण करने के पश्चात् निगम की प्रगति की समीक्षा कर पाया कि निगम की वसूली के अभाव में राष्ट्रिय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास द्वारा छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम को गैर-निष्पादित परिसम्पत्ति (N.P.A.) घोषित किया है, जिसमें निगम से संभावित हितग्राहियों को ऋण नहीं मिल पा रहा है, जिससे निगम की प्रगति प्रभावित हो रही है तथा शासन की आशा के विपरीत कार्य लंबित है।

इस संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री, छ.ग. शासन के समक्ष यह प्रस्ताव लाया गया कि राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम को बकाया राशि नहीं दिये जाने के फलस्वरूप दिव्यांगजनों को ऋण प्रदान नहीं किया जा सक रहा है। मान मुख्यमंत्री जी द्वारा तत्काल इस विषय पर संज्ञान लेते हुए राशि स्वीकृति हेतु आश्वासन दिया। श्री ओपी. चौधरी, मान मंत्री, वित्त विभाग तथा श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, मान्, मंत्री, समाज कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ राज्य से राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम हेतु मंत्री परिषद में विषय लाकर स्वीकृति दी। श्री लोकेश कावड़िया, अध्यक्ष महोदय द्वारा वित्तीय स्वीकृति पर आभार व्यक्त किया।

समीक्षा में यह भी तथ्य सामने आया कि अधिकांश हितग्राहियों द्वारा ऋण की अदायगी नही किये जाने के फलस्वरूप यह स्थिति उत्पन्न हुयी।

लोकेश कावड़िया, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम द्वारा के अनुरोध पर छ.ग. शासन ने सशर्त राशि रूपये 24.51 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गयी है, तथा इस राशि को तत्काल राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम को समय सीम में राशि वापिस करने हेतु निर्देश दिये गये हैं।

उनके द्वारा जानकारी दी गई कि मान मुख्मंत्री जी एवं मान मंत्री, समाज कल्याण विभाग के निर्देश पर एक सघन अभियान चलाकर समस्त दिव्यांगजनों से विभाग के जिलाधिकारियों से संपर्क कर ऋण वसूली को प्राथमिकता दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में हितग्राहियों से राशि रूपये 60 करोड़ से अधिक की बसूली लंबित है, जिससे नये हितग्राही प्रभावित हो रहें है।

शासन द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि दिव्यांगजनों को ऋण प्रदाय के पूर्व उन्हें कौशल उन्यन्य का प्रशिक्षण तथा उद्यमिता का प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार ऋण प्रदाय किया जाये ताकि दिव्यांगजनों को सफल उद्यमी बनाकर आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

अध्यक्ष ने समस्त हितग्राहियों से अपील की है कि निगम द्वारा लिये ऋण की आदयगी तत्काल प्रारम्भ करें तथा किसी भी परेशानी के लिए जिला के उपसंचालक समाज कल्याण अथवा निगम से सीधे संपर्क करें।

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