प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट को बताया कि मामले में आरोपी सोनिया और राहुल गांधी ने अपराध की आय में 142 करोड़ रुपये का फायदा लिया. केंद्रीय एजेंसी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि आरोपी “अपराध की आय का आनंद तब तक ले ले रहे थे जब तक कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2023 में नेशनल हेराल्ड से जुड़ी 751.9 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त नहीं कर लिया.”
ईडी ने आगे दावा किया कि गांधी परिवार ने न केवल अपराध की आय हासिल करके मनी लॉन्ड्रिंग की, बल्कि उस आय को अपने पास रखकर भी इस अपराध को जारी रखा. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आगे दावा किया कि गांधी परिवार ने न केवल अपराध की आय हासिल करके मनी लॉन्ड्रिंग की, बल्कि उस आय को अपने पास रखकर भी इस अपराध को जारी रखा. ईडी ने बताया कि गांधी परिवार, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का प्रथम दृष्टया मामला स्थापित हो चुका है.
इसके अलावा कोर्ट ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को मंजूरी दी, जिसमें उन्होंने चार्जशीट और अन्य दस्तावेजों की प्रति मांगी थी. मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने सबसे पहले यह दलील दी कि सरकारी मंजूरी की जरूरत क्यों नहीं है, क्योंकि उन्हें आशंका है कि बचाव पक्ष यह सवाल उठा सकता है.
ईडी की तरफ से एएसजी एस.वी. राजू ने कहा कि उन्होंने आरोप पत्र अधिकृत अधिकारी के माध्यम से दायर किया है, जो प्रवर्तन निदेशालय में सहायक निदेशक के पद पर हैं. उन्होंने एक सरकारी आदेश का हवाला भी दिया, जिसमें स्पष्ट है कि सरकार किसी अधिकारी को धारा 45 के तहत शिकायत दाखिल करने के लिए अधिकृत कर सकती है.
बचाव पक्ष के वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी और आरएस चीमा ने कोर्ट से समय की मांग की. उनका कहना था कि उन्हें करीब 5000 पन्नों के दस्तावेज हाल ही में प्राप्त हुए हैं और मई का महीना अदालतों और वकीलों दोनों के लिए बेहद व्यस्त रहता है, इसलिए उन्हें तैयारी के लिए जून के अंत या जुलाई के पहले सप्ताह तक का समय दिया जाए.
इस पर कोर्ट ने कहा कि वह आज ईडी की शुरुआती दलीलें सुनना चाहती है और फिर मामले को जुलाई के पहले सप्ताह में आगे बढ़ाया जा सकता है. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में है और नियमित सुनवाई आवश्यक है.
पहली शिकायत 2012 में दायर की गई थी. हालांकि, ईडी ने इस मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 2014 में शुरू की. यह तब हुआ जब एक ट्रायल कोर्ट ने स्वामी द्वारा 2012 में दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर आयकर जांच में अनियमितताओं का संज्ञान लिया. 2010 में, नेशनल हेराल्ड प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) में 1,057 शेयरधारक थे. स्वामी की शिकायत के अनुसार, गांधी परिवार ने यंग इंडियन लिमिटेड के माध्यम से एजेएल को धोखाधड़ी, आपराधिक दुरुपयोग और विश्वासघात के जरिए हासिल किया था.