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सफलता की कहानी शासन की योजनाओं से जुड़ने का माध्यम बना वन अधिकार पत्रक

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 मैनपुर ( पुलस्त शर्मा ) – गरियाबंद जिले के जनजाति बाहुल्य विकासखण्ड मैनपुर अंतर्गत वन अधिकार पत्रक शासन की योजनाओं से जुड़ने का एक अच्छा माध्यम बना है। क्षेत्र के कमार जनजाति के कृषकों ने शासन की योजनाओं से जुड़कर अपने आर्थिक स्तर को ऊपर उठाने में कामयाबी हासिल की है। ग्राम जाड़ापदर के कृषक बिजउराम, ग्राम तुहामेटा के कृषक सुखराम और श्यामलाल ने बताया कि उनके पूर्वज वर्षो से वन भूमि पर काबिज जमीन पर खेती करते आ रहे है, लेकिन मालिकाना हक नहीं मिलने से वे शासन की योजनाओं से लाभान्वित होने वंचित हो रहे थे। राज्य सरकार की वन अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें काबिज जमीन पर दी गई वन अधिकार पत्रक (पट्टा) ने उन्हें शासन की योजनाओं से जुड़ने का सुअवसर दिया है। शासन की इस योजना से बिजउ राम को चार एकड़ रकबा, सुखराम को छः एकड़ रकबा और श्याम लाल को चार एकड़ रकबा का मालिकाना हक मिल गया है। उक्त कृषकों ने अपने इन असिंचित भूमि में सर्वप्रथम आदिवासी उप योजना के तहत बोर खनन कर सिचंाई सुविधाओं का विस्तार किये है। तत्पश्चात योजना अंतर्गत कृषि कार्य के लिए किश्त पर ट्रैक्टर भी खरीदे है। आज वे कृषि विभाग के अधिकारियों से कृषि संबंधी परामर्श लेकर कृषि की उन्नत तकनीक की ओर अग्रसर है। अब वे अपने खेतों में धान फसल के अलावा दलहन-तिलहन, मक्के और सब्जियां की खेती कर अच्छी आमदनी कमा रहे है। कृषकों ने काबिज भूमि के पट्टा प्रदान करने पर शासन-प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित कि

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