सर्व अनुसूचित जाति समाज छत्तीसगढ़ की आवश्यक बैठक संपन्न

बिलासपुर
सर्व अनुसूचित जाति समाज छत्तीसगढ़ की आवश्यक बैठक बिलासपुर में आयोजित की गई। बैठक में निम्र लिखित विषयों में चर्चा कर पारित किया गया।
////प्रस्ताव ////
छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति वर्ग की सूची में लगभग 44 जाति अधिसूचित है। उनमें से लगभग 25 जातियों की संख्या छत्तीसगढ़ में विद्यमान है इन सभी उपजातियों के एक मंच में लाने के लिये इस संगठन की संरचना की गई है। इसी संगठन के माध्यम में अनुसूचित जातियों की सामाजिक एवं संवैधानिक समस्याओं के निदान के लिये उचित पहल किया जावेगा I
वर्तमान में चुनाव आयोग द्वारा SIR (special Investigation Review) करने जा रहा है इसके लिये इस बैनर तले अनुचित जाति के सभी उपजातियों को जागरूक करने का कार्य किया जायगा मतदाता सूची से और जो छूट गए है वे सभी को मतदाता सूची में नाम जोड़े जाय।
भारत सरकार द्वारा आने वाले समय में पूरे देश में जनगणना की जा रही है। इस जनगणना में अनुसूचित जाति के लोग जनगणना में न छूटें इसके लिये आवश्यक कार्यशाला का आयोजन किया जावेगा।
छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति समाज की जनसंख्या के अनुरूप आरक्षण प्रतिशत की बढ़ाने के लिये शासन एवं प्रशासन स्तर पर प्रयास करना |
विदित हो छ.ग. राज्य सरकार की अधिसूचना क्रमांक ए10-03-2013/25/02 नवा रायपुर दिनांक 10 अगस्त 2017 के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य की अनुसूचित जातियों की सूची में संशोधन कर छत्तीसगढ़ राज्य के लिये अधिसूचित सूची के सरल क्रमांक 25 में सारथी, सूत सारथी, सईस और सहीस को शामिल किया गया है जिनकी अनुमानित जनसंख्या 05 लाख है।
विदित हो भारत सरकार के नवीन राजपत्र क्रमांक 27 दिनांक 14-08-2023 अनुसार संविधान (अनुसूचित जातियां आदेश 1950) की छत्तीसगढ़ राज्य के लिये अधिसूचित सूची के सरल क्रमांक 33 में महार, माहारा, महरा, मेहर, मेहरा को छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किया गया है जिनकी अनुमानित जनसंख्या 05.50 लाख है।
इस प्रकार अजा वर्ग में दोनों बार शामिल किये गये जाति समुदाय की जनसंख्या को मिलाके राज्य के अनुसूचित जाति वर्ग की कुल जनसंख्या में लगभग 10 से 11 लाख की वृद्धि हुई है जो 4 से 5 प्रतिशत है इस प्रकार वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में अजा वर्ग की कुल जनसंख्या 13.5 से बढ़ कर 18 प्रतिशत हो चुकी है। जबकि वर्तमान में प्रचलीत आरक्षण प्रतिशत के आधार पर अनुसूचित जाति वर्ग को शिक्षा एवं नौकरियों में मात्र 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है जो इस वर्ग के लिये अत्यंत नुकशानदायक, अव्यवहारिक और संविधान प्रदत्त अधिकारों की सीधे तौर पर अवहेलना है।
दुभाग्यजनक स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अजा वर्ग को जहां 18 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिये वहां केवल 12% ही आरक्षण दिया जा रहा जो पूर्णतः असंवैधानिक है।
सर्व अनुसूचित जाति समाज छ.ग. द्वारा यह मांग की जा रही है कि वर्तमान जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जाति वर्ग को शिक्षा एवं नौकरियों में तत्काल प्रभाव से 18 प्रतिशत आरक्षण दिया जावे साथ ही 2016 की अधिसूचना के बाद से अंतर के 6 प्रतिशत को बेकलाग पद मानते हुए विशेष भर्ती अभियान के तहत तत्काल भर्ती की जावे।
बैठक में सर्व अजा समाज छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ लक्ष्मण कुमार भारती , उपाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार पाटले, सचिव पी एल महिपाल सहित अन्य पदाधिकारी डॉ केदार अनंत एडवो. लव कुमार रामटेके , विजय कुमार खुर्सैल, कृष्ण कुमार रायकर, मोहन लाल बर्मन , कुनाल रामटेके आदि उपस्थित थे I

