मोदी की गारंटी लागू करो कर्मचारियों से किया वादा निभाओ” और “कर्मचारी एकता जिंदाबाद” जैसे नारों से गूंज उठा कलेक्टर परिसर

बिलासपुर
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने कर्मचारियों की लंबित मांगों और चुनावी वादों के क्रियान्वयन को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेशाध्यक्ष पवन कुमार शर्मा, प्रदेश समन्वयक जी.आर. चंद्रा और जिलाध्यक्ष किशोर शर्मा ने किया।
कलेक्ट्रेट परिसर में नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चुनाव के दौरान कर्मचारियों से कई वादे किए थे, जिनमें “मोदी की गारंटी लागू करने” की बात प्रमुख थी, परंतु अब तक किसी भी वादे पर अमल नहीं हुआ है।
////मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया 9 सूत्रीय मांगपत्र///
कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम नौ सूत्रीय ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। ज्ञापन में लेख है कि राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) दी जाए।
डीए एरियर्स की राशि को जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाए, वहीं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अवकाश नकदीकरण की सीमा 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन करने की मांग भी रखी गई।
संघ ने कहा कि संविदा, दैनिक और अनियमित कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमित किया जाए तथा चार स्तरीय वेतनमान का आदेश शीघ्र जारी किया जाए। इसके साथ ही शिक्षक, लिपिक और अन्य वर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने और शिक्षक (एलबी) संवर्ग को प्रथम नियुक्ति से सेवा गणना का लाभ देने की मांग भी की गई।
संघ ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कैशलेस चिकित्सा सुविधा और बोनस लागू करने तथा अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने की मांग रखी।
प्रदेशाध्यक्ष पवन कुमार शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों की ये मांगें पूरी तरह न्यायोचित हैं और सरकार से कई बार ध्यानाकर्षण कराया जा चुका है। यदि इस बार भी सरकार ने अनदेखी की, तो संघ प्रदेशव्यापी कलमबंद हड़ताल, अनिश्चितकालीन आंदोलन या भूख हड़ताल के लिए बाध्य होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
प्रदेश समन्वयक जी.आर. चंद्रा और जिलाध्यक्ष किशोर शर्मा ने कहा कि यह आंदोलन फिलहाल चेतावनी स्वरूप है, लेकिन यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो यह राज्यव्यापी रूप लेगा।
///कलेक्ट्रेट परिसर में गूंजे नारे//
कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने कर्मचारियों ने जबरदस्त नारेबाजी की। “मोदी की गारंटी लागू करो”, “कर्मचारियों से किया वादा निभाओ” और “कर्मचारी एकता जिंदाबाद” जैसे नारों से पूरा परिसर गूंज उठा।

