छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को बनाया जा रहा है पुलिस कमिश्नरी, जो अंग्रेज न कर पाये वो जनता द्वारा जीती सरकार भ्रष्टाचार, पुलिस को सत्ताधारी दल की सेन बनाने के लिए कर रही है, स्थानीय छत्तीसगढ़िया को बनाया जाये पुलिस कमिश्नर : दुबे
रायपुर :- अंग्रेजों की व्यवस्था बंदूक के बल पर तानाशाह चलाते थे गुलामों को। यह गुलामी भारत के सम राजा-महाराजाओं के क्षेत्र में लागू थी जिसके आतंक से अंग्रेज भारत को लूटने में हुए कामयाब। उस सम भी भारतवासी अंग्रेजों के चाटुकार थे वैसे विषम परिस्थिति में जो अपनी भारतमाता से प्यार करता था आ भारतवासियों से प्यार करता था उसने अपने जीवन को दांव में लगाकर अंग्रेजों के विरूद्ध शंखनाद किया। वैन वीरों के कारण आज हमारा भारत और हम आजाद लोकतंत्र में विचरण कर रहे हैं। यह तभी संभव हुआ ज लाखों मारतवासियों ने अपना बलिदान दिया माताओं ने पुत्र खोया, बहनों ने माई, पत्नि ने पति तब जाकर भारत को स्वतंत्रता का दर्जा प्राप्त हुआ जिसमें महात्मा गांधी का आंदोलन अहिंसा के माध्यम से भारत की आजादी की लडाई सबसे अधिक सारगर्मित एवं कारगर सिद्ध हुई और पूरी दुनिया ने महात्मा गांधी को स्वीकार किया। आज का नौजवान आज की सता आजादी के मायने को भुलाने के लिए विभिन्न प्रकार के विज्ञापन चलाते हैं। यह दुर्भाग्य का विषय है। अंग्रेज जो नियम का शत-प्रतिशत पालन करते थे इतिहास गवाह है ये लोग बंदूक के दम पर भारत की गुलामी को सैकड़ों साल तक संचालित किया। पर संविधान का वो साक्षर पालन करते थे। आज प्रदेश का चपरासी से लेकर मुख्य सचिव तक इसलिए कार्य कर रहा है ऊपरी इनकम के साथ मालामाल होना ध्येय है। उसी प्रकार पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक मालामाल होना अर्थात् राजनीति को व्यापार का दर्जा देना साबित हुआ है। कोई एक बार विधायक बन जाये, अध्यक्ष बन जाये, मंत्री बन जाये तो यह दस पीढ़ियों का पेला इकट्ठा कर लेता है. उसकी पीढ़ी हो या ना हो कंवल एक सूत्रीय कार्यक्रम पैसा कमाना है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को पुलिस कमिश्नरी का दर्जा दिया जा रहा है। इस दर्जा के पीछे सत्ताधारी दल का एक ही उद्देश्य से उसके हाथ में विपक्षियों को कमजोर कर दण्ड अधिक से अधिक देना और सत्ताधारी के पार्टी के सेना के रूप में पुलिस का उपयोग करना। छत्तीसगढ़ का प्रचम मुख्यमंत्री आदिवासी समाज छत्तीसगढ़िया समाज से रूप अजीत ओगी हुए और काबिल, शिक्षित व्यक्ति प्रथम मुख्यमंत्री बने जिसके कारण आज बंटवारे में छत्तीसगढ़ आगे रहा। पुलिस कमिश्नरी में भी पहला अधिकारी पुलिस कमिश्नर छत्तीसगठिया भूमिपुत्र होना चाहिए। ज्ञात रहे जिस दिन सत्ता परिवर्तन होगा पुलिस कमिश्नरी का सबसे ज्यादा खामियाजा भारतीय जनता पार्टी वर्तमान सरकार को उठाना पड़ेगा। अगर भूपेश कोल भ्रष्ट नहीं होते और भाजपा के भ्रष्टाचार पर सैकड़ों नेताओं को जेल भेज देते तो आज परिदृश्य दूसरा होता। बपेल जी की लालच ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा चे अधिकारी सत्ताधारियों को अंग्रे रास्ते पर पट्टी बांधवार दौडाने का प्रयोग करते हैं और वे लालची मंत्री भ्रष्टाचार में विवेकहीन होकर अंधापुच फैसला सेते हैं। जिसका वहीं सिर-पैर नहीं होता। हम राज्य आंदोलनकारी इस व्यवस्था में स्थानीय छत्तीसगढ़िया को पुलिस कमिश्नर के रूम में पादत्य करने की मांग गृहमंत्री भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री को मांग पत्र पर प्रेषित किये हैं।
