प्रदेश के शराब घोटाला केस ने खूब सुर्खियां बटोरी है। ईओडब्ल्यू-एसीबी अब तक 6 पूरक चालान पेश कर चुकी है। कुल 868 गवाह हैं। घोटाले के आरोप में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल सहित कई जेल में हैं।
प्रकरण पर कार्रवाई अब भी जारी है। खास बात ये है कि डिस्टलरी संचालक, जिनके यहां से 40 लाख अवैध शराब बाहर भेजने का आरोप है। वो अब तक एजेंसी के हत्थे नहीं चढ़े हैं। यही नहीं, जिस कंपनी पर नकली होलोग्राम बनाने का आरोप है, उनका बकाया भुगतान हो चुका है। प्रकरण कब तक चलेगा, यह तय नहीं है। कुछ लोगों का अंदाज है कि सुनवाई पूरी होने, और फैसला आने में एक दशक लग सकता है। वर्ष-2015 का कथित नान घोटाले को एक दशक हो चुके हैं, लेकिन अब तक सुनवाई पूरी नहीं हुई है।
जिला अध्यक्षों का चयन..
कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।अगले कुछ दिनों में नाम घोषित किए जा सकते हैं।
खास बात ये है कि नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत और भिलाई विधायक देवेंद्र यादव में गजब का तालमेल देखने को मिला है।
बताते हैं कि बिलासपुर के शहर और ग्रामीण अध्यक्ष के लिए दोनों ने मिलकर नाम दिए हैं। भिलाई शहर अध्यक्ष के लिए देवेन्द्र यादव के सुझाए नाम का डां महंत ने भी समर्थन किया है।
रायपुर शहर अध्यक्ष के लिए पांच बड़े नेताओं में से से तीन ने श्री कुमार मेनन का नाम सुझाया है। ग्रामीण अध्यक्ष के लिए प्रवीण साहू का नाम फाइनल माना जा रहा है। फिर बड़े नेता अपने गृह जिले में पसंद का अध्यक्ष बनाने के हाईकमान को सहमत करने में सफल रहे हैं। सूची जारी होने के खींचतान बढ़ने के संकेत हैं।
राज्योत्सव तैयारी बैठक से रायपुर के विधायक दूर!
नवा रायपुर के राज्योत्सव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। मगर इस तैयारी से सांसद और रायपुर जिले के विधायक दूर हैं। उन्हें एक तरह से दरकिनार कर दिया गया है, जिससे उनमें नाराजगी देखी जा रही है।
नवा रायपुर का एक बड़ा हिस्सा अभनपुर विधानसभा में आता है। मगर एक भी तैयारी बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया। सांसद बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, सुनील सोनी और मोतीलाल साहू भी तैयारी बैठक से दूर है। स्वाभाविक है कि उनके समर्थकों में नाराजगी देखी जा रही है।
थंब मशीन पर सीएस
का भी लगेगा अंगुठा
सीएस विकासशील ने अगले माह से मंत्रालय में थंब मशीन अनिवार्य कर दिया है। इससे अधिकारियों व कर्मचारियों में हलचल मची है। पिछले सप्ताह कर्मचारी नेताओं ने सीएस से मुलाकात की, और कई कठिनाई गिनाई।
एचओडी भवन इंद्रावती में भी थंब इंप्रेशन लागू करने का अनुरोध किया। कर्मचारियों में चीफ सेकेट्री को भी थंब मशीन लगाने का अनुरोध किया। सीएस विकासशील ने कहा कि उद्घाटन कर सबसे पहले मेरा नाम भी थंब मशीन में रहेगा और उसका उपयोग करूंगा।
रतन लाल डांगी को राहत..
आईपीएस रतन लाल डांगी के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत के बाद पुलिस मुख्यालय से लेकर मंत्रालय तक में योग और फिटनेश की चर्चा है। पीएचक्यू से जारी पत्र में कई लंबी शिकवा-शिकायत होने के कारण मामला रोचक और गंभीर बनता जा रहा था लेकिन शनिवार से डेमेज कंट्रोल के बाद मामले में नया मोड़ आ गया है। महिला ने अब शारीरिक शोषण की शिकायत से इंकार कर दिया है। जबकि डांगी के पत्र जारी होने के बाद आपसी सहमति का मामला दिखने लगा है। इस मामले की जांच करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भाजपा नेता नरेश गुप्ता के सवाल खड़ा करने के बाद सरकार भी दुविधा में पड़ गयी है। इस मामले में महिला की बहन और जीजा भी डांगी के साथ नजर आ रहे हैं। इसके पहले भी पुलिस के कई अधिकारियों पर इस तरह के आरोप लगे थे। लंबे जांच पड़ताल के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। कई और लोगों के खिलाफ भी पुलिस तक शिकायत है जिसका खुलासा होना बाकी है। इस मामले के अचानक खुलासे के पीछे पीएचक्यू की लड़ाई भी मानी जा रही है।
ऋचा और पिंगुआ को आदेश का इंतजार..
विकासशील के सीएम बनने के बाद दो सीनियर आईएएस अफसरों ऋचा शर्मा व मनोज पिंगुआ का मन अब मंत्रालय में काम करने का नहीं रह गया है। वो दिल्ली जाना चाहते हैं।केन्द्र सरकार में पोस्टिंग का इंतजार किया जा रहा है।
दरअसल, सरकार ने मंत्रालय में सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों के रहते हुए विकासशील को विदेश से बुलाया गया है, इसके कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। सीएस के कई प्रमुख योग्य अफसरों के रहते हुए विकासशील को मनीला से बुलाए जाने के कारण तलाश ली गयी है। चर्चा है कि दिल्ली के नेताओं के नाम लेकर कुछ स्थानीय अफसरों ने ही फेरबदल में बड़ी भूमिका निभायी है। अब इसमें किस अधिकारी की भूमिका कितनी है यह चर्चा का विषय बना हुआ है। नये सीएस प्रशासन को दौड़ाने का काम जोरदार तरीके से कर रहे हैं लेकिन सीनियर अधिकारियों के बारे में स्थिति स्पष्ट्र नहीं होने के कारण कौतुहल का विषय बना हुआ है।

