
बिलासपुर।छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। देर रात महिला और चाइल्ड वार्ड का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें अस्पताल की गंभीर अव्यवस्थाएं उजागर हुई हैं। वायरल वीडियो के अनुसार वार्ड में सिर्फ एक नर्स ड्यूटी पर थी, जबकि बाकी स्टाफ आराम करता नजर आया और ड्यूटी डॉक्टर मौके से नदारत थे। इस वीडियो को एक मरीज के परिजन ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पूरी रात मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया। यह स्थिति उस सिम्स अस्पताल की है, जो पूरे संभाग के लिए एकमात्र बड़ा शासकीय मेडिकल सुविधा केंद्र है और जहां हर दिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं। इससे मरीजों के परिजनों में भारी नाराजगी है और लोगों ने प्रबंधन के रवैये को तानाशाही करार देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी आए दिन इसी मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन किसी ने भी सिम्स की बदहाल व्यवस्था सुधारने की कोशिश नहीं की। इससे यह साफ होता है कि स्वास्थ्य विभाग खुद सिम्स को भगवान भरोसे छोड़ चुका है। यह पूरा मामला न सिर्फ अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी सवाल खड़ा करता है। जहां लोग अस्पतालों में अव्यवस्थाओं को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, बिना अनुमति अस्पताल परिसर में वीडियो बनाना अब विवाद का कारण बन गया है। शुक्रवार रात एक व्यक्ति द्वारा अस्पताल परिसर में वीडियो बनाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रशासन ने इसे कानून और संवेदनशीलता के खिलाफ बताया है।क्योंकि रात को अस्पताल के वार्ड में एक व्यक्ति ने महिला स्टाफ और मरीजों की मौजूदगी में वीडियो शूट किया। वीडियो में अस्पताल स्टाफ की कार्यशैली और व्यवहार पर सवाल उठाए गए हैं
प्रोटेक्शन एक्ट के उल्लंघन!
एक्ट के तहत बिना अनुमति अस्पताल परिसर में वीडियो बनाना प्रतिबंधित है, खासकर महिला वार्ड जैसे संवेदनशील हिस्सों में।स्टाफ की ड्यूटी रोटेशन में चलती है और सभी चौबीसों घंटे हर स्थान पर मौजूद नहीं रह सकते।अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को पत्र लिखकर वीडियो बनाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।यह घटनाएं न केवल अस्पताल कर्मियों की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि मरीजों की निजता और सुरक्षा को भी खतरे में डालती हैं।
डॉ लखन सिंह, अधीक्षक सिम्स