बलौदाबाजार28 मई 2025। बेटा-बेटी में फर्क करने वाले समाज को एक गहरा संदेश देते हुए कसडोल विधानसभा की पूर्व विधायक एवं पूर्व संसदीय सचिव शकुंतला साहू ने अपने जीवन के सबसे भावुक क्षण में एक नजीर पेश की है। बुधवार सुबह करंट लगने से आकस्मिक निधन होने के बाद शकुंतला साहू की मां लीला देवी साहू (65) की अंतिम यात्रा में बेटी ने वह भूमिका निभाई, जिसे परंपरागत रूप से बेटों से जोड़ा जाता है।
मां के निधन के बाद शकुंतला साहू ने न केवल अर्थी को कंधा दिया, बल्कि शमशान घाट में मुखाग्नि देकर बेटे का धर्म निभाया। उन्होंने इस कर्म के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया कि “बेटी भी बेटे से कम नहीं होती”।
हादसे का दर्दनाक विवरण:
घटना सुबह उस समय घटी जब लीला देवी अपने घर की बाड़ी में काम कर रही थीं। बाड़ी में लगे एक विद्युत उपकरण के खुले तारों की चपेट में आने से उन्हें करंट लग गया। वह मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़ीं। जब शकुंतला साहू वहां पहुंचीं, तो अपनी मां को अचेत अवस्था में देखकर फूट-फूट कर रो पड़ीं। शोर सुनकर परिजन दौड़े और उन्हें तुरंत पलारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अंतिम संस्कार में जुटे लोग
गृहग्राम रसौटा में लीला देवी साहू का अंतिम संस्कार विधि-विधान से किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामवासी, सामाजिक प्रतिनिधि, कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। बेटी शकुंतला साहू का यह कदम सभी को भावुक और प्रेरित कर गया।