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NEET UG 2025 के रिजल्ट पर MP हाई कोर्ट ने लगाई रोक, जानिए क्या है वजह…

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NEET UG 2025: नीट यूजी रिजल्ट जारी करने पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। एमपी हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतिम फैसला होने तक रिजल्ट जारी करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि इंदौर में पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 केंद्र पर दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे की परीक्षा के दौरान दोपहर 3.30 बजे बिजली चली गई। बैकअप पावर सिस्टम न होने के कारण उम्मीदवारों को कम रोशनी में अपनी परीक्षा जारी रखनी पड़ी। साथ ही इमरजेंसी लाइट के तौर पर 4.30 बजे मोमबत्तियों की व्यवस्था की गई, तब पेपर खत्म होने में सिर्फ 30 मिनट बचे थे।

दर्जन भर से अधिक केंद्रों में रही समस्या

NEET UG 2025: बेंच ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को अगली सुनवाई तक रिजल्ट जारी नहीं करने का निर्देश दिया है. यह आदेश एक याचिका के जवाब में आया, जिसमें आरोप लगाया गया कि परीक्षा के दौरान इंदौर के 12 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल होने से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

30 जून तक जवाब पेश करने का आदेश

इस याचिका पर हाईकोर्ट ने नीट यूजी आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से पूछा कि वह इस मामले में क्या कदम उठा रही है। हाईकोर्ट ने एनटीए, बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्र को नोटिस जारी किए हैं। 30 जून तक सभी को जवाब पेश करना होगा।

अंधेरे के चलते प्रश्न पत्र नहीं पढ़ पा रहे थे छात्र

इस मामले को लेकर पीड़ित छात्रों का कहना है कि परीक्षा के दिन हुई 2.7 इंच बारिश और 120 किमी रफ्तार से चली तूफानी हवा चली। इस वजह से शहर की बिजली सप्लाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। घने बादल, बारिश की वजह से दिन में अंधेरे जैसी स्थिति थी। लाइट नहीं होने से परीक्षा केंद्रों में भी अंधेरा छा गया था। हजारों छात्र प्रश्न पत्र तक नहीं पढ़ पा रहे थे। इस वजह से वे जवाब भी नहीं दे पाए। परीक्षा देने वाले छात्रों का कहना है कि शहर के 11-12 सेंटर पर पांच हजार से ज्यादा परीक्षार्थी बिजली गुल होने से प्रभावित हुए थे।

छात्रों को भविष्य की चिंता

यह पहला मौका था जब एनटीए ने सरकारी स्कूल में केंद्र बनाए थे। यहां पावर बैकअप की कोई व्यवस्था ही नहीं थी। बिजली गुल हो जाने से काफी देर बाद परीक्षा केंद्र में मोमबत्ती और टॉर्च उपलब्ध कराए थे, लेकिन ठीक ढंग से परीक्षा न हो पाई। इसके कारण कई छात्र-छात्राएं साल भर की मेहनत के बाद परीक्षा केंद्र से बाहर रोते हुए निकले। उन्हें उनके भविष्य के खराब होने की चिंता थी।

परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल

यह विवाद NEET परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है, क्योंकि पिछले वर्षों में भी पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं मेडिकल प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया पर छात्रों का भरोसा कम कर सकती हैं। कोर्ट के अंतिम फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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